अकसर देखा जाता है कि ननद के हावी होने के कारण भाभी पर बहुत अत्याचार होते हैं. ननद चाहे मायके में रहती हो या ससुराल में, वह भाभी के विरुद्ध अपनी मां के कान भरती है. भाई को भी भड़काती रहती है. इस का कारण यह है कि बहन, भाई पर अपना पूर्ण अधिकार समझती है और अपने गर्व, अहं को ऊपर रखना चाहती है. यदि भाई अदूरदर्शी हो तो बहन की बातों में आ जाता है और फिर उस की पत्नी अत्याचार का शिकार होती रहती है.

क्या कभी ननदभाभी के इन विवादों के पीछे का कारण सोचा है? यदि आप कारण टटोलेंगे तो आप को जवाब मिलेगा ‘मैं का भाव.’ यह भाव जब तक आप में रहेगा तब तक आप किसी के भी साथ अपने रिश्तों की गाड़ी को लंबी दूरी तक नहीं चला पाएंगे.

हाल ही की एक घटना है, जिस में लखनऊ निवासी एक परिवार में भाभी और ननद की छोटीमोटी बात पर अकसर बहस हो जाती थी. ननद से जब यह बरदाश्त नहीं हुआ तो उस ने अपनी भाभी के साथ हुई बहस को ले कर साजिश रच डाली.

अचानक उस के भाई को एक अनजान नंबर से फोन आने लगे. पूछने पर उस ने बताया कि वह उस की पत्नी का प्रेमी बोल रहा है. बात यहां तक बढ़ गई कि शादी के 4 महीने बाद ही तलाक की नौबत आ गई. 2 महीने से विवाहिता अपने मायके में है. विवाहिता ने महिला हैल्प लाइन से मदद मांगी. जांच शुरू होते ही ननद की रची साजिश का परदाफाश हो गया.

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