देश भर में प्रदूषण एक गंभीर चुनौती बन चुकी है. कई शहर और कस्बे प्रदूषण की जद में आ चुके हैं. हालत इतनी खराब है कि कई जगहों पर बिना मास्क के निकलना भी मुश्किल है. प्रदूषण से होने वाले नुकसान से जुड़ा एक गंभीर तथ्य सामने आया है. वायु प्रदूषण से केवल फेफड़े या श्वसन तंत्र प्रभावित नहीं होते हैं. कई जानकारों का मानना है कि इसका असर आंखों पर भी होता है. खराब वायु गुणवत्ता से आंखों में कई समस्याएं हो रही हैं, जिसमें कौर्निया को होने वाली क्षति भी शामिल है.

नाक की तरह आंखों को ढंकना मुश्किल होता है. इससे फेफड़े के अलावा आंखों पर वायु प्रदूषण का बुरा असर हो रहा है. चूंकि आंखों की ओकुलर परत सीधे प्रदूषण के संपर्क में आती है, इस पर सबसे ज्यादा प्रदूषण का असर होता है.

इसके अलावा कई जानकारों का मानना है कि कई सालों तक प्रदूषण के संपर्क में रहने के कारण कोरोना को क्षति पहुंचती है, यह तुरंत नहीं होता है. अगर ड्राइ आई की समस्या लंबे समय तक रहती है, तो यह कोरोना को क्षतिग्रस्त कर सकती है, जिससे लंबे समय में दृष्टि प्रभावित होती है. खुजली होने पर आंखों को रगड़ने से भी कोरोना पर असर पड़ता है.

प्रदूषण से होने वाली परेशानियों में आंखों में खुजली, परेशानी और लाल होने की समस्याएं होती हैं. वहीं जो लोग कांटैक्ट लेंस का प्रयोग करते हैं, उन्हें जोखिम और बढ़ जाता है, क्योंकि उनकी आंखें पहले से ही ड्राई होती हैं.

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