सर्दी में दिल के मरीजों के लिए जोखिम काफी बढ़ जाता है. कई चिकित्सकों का मानना है कि इस दौरान दिल का दौरा पड़ने के ज्यादा मामले सामने आते हैं. खास तौर पर सुबह में क्योंकि उस वक्त रक्त वाहिकाएं सिम्पेथेटिक ओवर एक्टिविटी के कारण संकुचित होती हैं. वहीं अगर वातावरण में धुआं हो तो जोखिम दोगुना हो जाता है. चिकित्सकों के मुताबिक, सर्दियों में हवा की धीमी गति और हवा में नमी के स्तर बढ़ जाती है. इस कारण हवा की स्थिति खराब हो जाती है, क्योंकि प्रदूषक तत्व हवा में बने रहेंगे और इधर-उधर फैल नहीं पाते.

एक अध्ययन के मुताबिक, वायु और धुंए का मिश्रण सेहत का सबसे ज्यादा नुकसान करते हैं. धुएं और धुंध के इस मिश्रण को स्मौग कहते हैं. स्मौग दिल के दौरे का महत्वपूर्ण कारण है. इस दौरान दिल के मरीजों के लिए जान का खतरा बढ़ जाता है.

जानकारों का माने तो स्मौग से होने वाले नुकसानों में आंखों में लालिमा, खांसी या गले में जलन, सांस लेने में कठिनाई प्रमुख है. स्मौग से तीव्र अस्थमा के दौरे पड़ सकते हैं, साथ ही यह दिल के दौरे, स्ट्रोक, एरिदमिया को भी बढ़ा सकता है. बच्चे, वृद्ध, मधुमेह, हृदय और फेफड़ों की बीमारियों वाले रोगी विशेष रूप से स्मौग के प्रतिकूल प्रभावों के प्रति संवेदनशील होते हैं और इसलिए खुद को बचाने के लिए इन्हें विशेष सावधानी बरतनी चाहिए.

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