‘‘यू आर लुकिंग नाइस. वैरी स्मार्ट, बल्कि कहूंगी सैक्सी लग रही हो. एकदम अलग हट कर ड्रैसेस पहनती हो. बंधीबंधाई लीक पर तू कपड़ों के मामले में भी नहीं चलती. लगता है तुझे नितनए प्रयोग करने का शौक है.’’ सान्या ने अपनी फ्रैंड लेखा से कहा तो वह मुसकराते हुए बोली, ‘‘मैं वही पहनती हूं जो मुझे अच्छा लगता है. किसी दूसरे के स्टाइल या फैशन की मैं नकल नहीं करती. अगर करूंगी तो फिर मनचाहा कभी पहन ही नहीं पाएंगे, लेकिन जो भी पहनती हूं उस में ऐक्सपैरिमैंट करने में पीछे नहीं रहती हूं. कई लोग इसे ले कर मेरा मजाक भी उड़ाते हैं पर किसी को अच्छा लगे या बुरा, मैं तो वही पहनूंगी जो मुझे पसंद है.’’

‘‘ठीक है, पर जो चलन में है वह पहनो तो सही रहता है. फिर बेवजह कोई आप को घूर कर भी नहीं देखता है. प्रयोग करने की क्या जरूरत. मैं तो नहीं करती. जो भी बाजार में उपलब्ध होता है. पहन लेती हूं,’’ सान्या बोली.

‘‘अरे, प्रयोग करने से घबराना कैसा, बल्कि इस से तो पहनने में वैराइटी मिल जाती है. एक ही ड्रैस को अलगअलग कौंबिनेशन के साथ मिक्स ऐंड मैच कर के पहनने का मौका मिल जाता है और साथ ही, बहुत खर्च भी नहीं करना पड़ता.’’ लेखा की बात सान्या को समझ आई कि नहीं, पर यह सही है कि प्रयोग करने से घबराना नहीं चाहिए.

इनोवेटिव होना जरूरी

किसी नए और ट्रैंडी स्टाइल को हम फैशन कहते हैं, पर अगर आप एक ही जैसे ड्रैसिंग सैंस को बारबार दोहराती हैं तो कुछ समय बाद भले ही आप उस स्टाइल में कितनी ही कूल क्यों न लगे, लेकिन आप खुद अपनेआप से बोर होने लगेंगी. इस तरह आप दूसरों को तो अपने ड्रैसिंग सैंस के बारे में बात करने का मौका देती ही हैं, साथ में इस से आप का खुद का कौन्फिडैंस भी डगमगाने लगता है. इसलिए जब भी आप को मौका मिले अपनी अलमारी को अपग्रेड करती रहें.

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