उत्तम नगर में रहने वाला एक शख्स अपनी पत्नी को पीट रहा था.  पड़ोस में रहने वाले कुलदीप तनेजा ने मना किया तो वह शख्स कुछ अन्य लोगों के साथ मिल कर कुलदीप के घर पहुंचा और उसे पीट डाला. उस ने कुलदीप के बेटे की भी इतनी  बुरी तरह पिटाई की कि वह आईसीयू में पहुंच गया.

27 अक्टूबर को दिल्ली के इब्राहिमपुर एक्सटेंशन में सुमित कुमार और उन के पिता रामपाल सिंह को  उस के पड़ोस में रहने वाले युवक ने पीटपीट कर अधमरा कर दिया.  वजह सिर्फ  इतनी थी कि सुमित कुमार ने उस युवक को अपने घर के सामने से गाड़ियां हटाने को कहा जो उस ने लगा रखी थी.  इसी बात पर दोनों के बीच कहासुनी हुई और बात यहां तक पहुंच गई.

27 अक्टूबर को ही शाहबाद डेरी इलाके के मेट्रो विहार फेस टू में रहने वाले 15 वर्षीय रोहन की उस के दोस्तों ने पीटपीट कर सिर्फ  इस वजह से हत्या कर दी क्यों कि रोहन के साथ किसी बात को ले कर उन का झगड़ा हुआथा.

आए दिन होने वाली इस तरह की घटनाएं इस बात का एहसास दिलाती है कि आज के समय में लोगों के दिलों में प्यार और मोहब्बत के  बजाए गुस्सा, चिढ़न और क्रोध  कुछ इस तरह भरा हुआ है कि छोटी सी बात पर लोग एक दूसरे की जान लेने को उतारू हो जाते हैं . रिश्तों का खात्मा कर डालते हैं.

थोड़े समय के आवेश और क्रोध की वजह से किसी की जान लेने का प्रयास सामने वाले को तो तबाह करता ही है साथ ही ऐसा करने वाले की जिंदगी भी  नरक  बना देता है.  उस की बाकी की जिंदगी जेल में या फिर खुद  को जेल जाने से बचाने के प्रयास में गुजर जाती है. इस तरह दोनों ही आफत में फंसते चले जाते हैं. वैसे भी गुस्सा या क्रोध शरीर में पहुंच कर जहर की तरह काम करता है और शारीरिकमानसिक दृष्टि से नुकसान पहुंचाने के साथ ही  जिंदगी का सुखचैन सब लूट लेता है.

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