90 की दशक की मशहूर अभिनेत्रियों में एक नाम अभिनेत्री रवीना टंडन का भी है. ‘पत्थर के फूल’ फिल्म से उन्होंने सलमान खान के साथ अभिनय के क्षेत्र में कदम रखा. फिल्म काफी सराही गई और उन्हें काम मिलने लगा. वे हमेशा अलगअलग किरदार निभाना पसंद करती हैं और ऐसी फिल्मों को ही चुनती हैं, जिन में कुछ चुनौती हो. यही वजह है कि फिल्म चाहे रोमांटिक हो या कौमेडी, हर फिल्म में उन्होंने अपनी अलग छवि स्थापित की है. स्पष्टभाषी रवीना बहुत कम उम्र में (1995 में) 2 बेटियों को गोद ले कर मां बनीं और अब नानी भी बन चुकी हैं. रवीना ने फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर अनिल थडानी के साथ शादी की और 2 बच्चों की मां बनीं. रवीना को लड़कियों से बहुत प्यार है. उन्हें वे मानव जगत की सब से अच्छी रचना मानती हैं. लड़कियों के साथ दुराचार, कन्याभ्रूण हत्या सुन कर वे कांप उठती हैं. उन की फिल्म ‘मातृ-द मदर’ भी एक संवेदनशील विषय पर बनी है.

इस तरह के संवेदनशील विषय चुनने की वजह पूछी तो उन्होंने बताया, ‘‘बेटियों को ले कर मैं हमेशा चिंतित रहती हूं. जब भी वे कहीं जाती हैं, तो जब तक न लौटें, चिंता बनी रहती है. ऐसे माहौल में आज हर बेटी के मातापिता चिंतित रहते हैं. अपराध करने वाले को कानून का डर नहीं. ऐसे में मुझे एक मौका मिला है कि मैं अपने अभिनय से लोगों को आत्मचिंतन करने पर मजबूर करूं. इस फिल्म की कहानी हमारे आसपास घटित होने वाली है, जिस के बारे में हम तब तक नहीं सोचते जब तक कि हमारे साथ कुछ हुआ न हो. अभी तक इस विषय पर शुगर कोटेड फिल्में दिखाई गई हैं, यह हार्डकोर फिल्म है.’’ इस तरह की सीरियस कहानी से आप पर किस तरह का दबाव रहा, इस पर रवीना कहती हैं, ‘‘दबाव तो रहा, लेकिन यह हकीकत भी तो है. यह फिल्म एक पारिवारिक फिक्शन ड्रामा है जिस में एक मध्वर्गीय स्कूलटीचर का रेप होता है. इस के बाद निराशा जो एक साधारण इंसान की होती है उसे फिल्म में ही दिखाने की कोशिश की गई है.

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