कॉमेडी और मेन विलेन के  किरदार निभाते हुए जबरदस्त सफलता बटोरने के बाद मुरली शर्मा अब चरित्रों को प्रधानता देने लगे हैं. वह अब तक हिंदी की पचास के अलावा मराठी भाषा की सात, तमिल भाषा की पांच और तेलगू भाषा की बारह तथा एक मलयालम भाषा की फिल्म में अभिनय कर चुके हैं. मुरली शर्मा उन कलाकारों में से हैं, जिनका हिंदी, मराठी व तेलगू भाषा की बड़े बजट की फिल्मों का हिस्सा होना अनिवार्य शर्त हो गयी है. वह एकमात्र ऐसे कलाकार हैं, जिनकी हर माह कोई न कोई फिल्म रिलीज होती ही है.

ऐसा 2015 में भी हुआ था और अभी 2016 में भी हो रहा है. जी हां! इस बात को कबूल करते हुए मुरली शर्मा कहते हैं-‘‘मैं इस ढंग से फिल्में कर रहा हूं कि हर माह मेरी एक फिल्म रिलीज हो ही जाती है. 2015 के जनवरी माह में ‘बेबी’, फरवरी में ‘बदलापुर’, मार्च में ‘धर्मं संकट में’, जून में ‘एबीसीडी 2’ रिलीज हुई थी. इसी तरह इस साल यानी कि 2016 में जनवरी में प्रदर्शित फिल्म ‘वजीर’ और मराठी फिल्म ‘गुरू’ में था. अब फरवरी में ‘सनम तेरी कसम’ और तेलगू फिल्म ‘सावित्री’ में नजर आया. यानी कि दो माह में चार फिल्में रिलीज हुई. 4 मार्च को ‘जय गंगाजल’ रिलीज होगी. उसके बाद हर माह मेरी एक न एक फिल्म रिलीज होने वाली है.’’

प्रकाश झा निर्देशित फिल्म ‘‘जय गंगाजल’’ में मुरली षर्मा ने मुन्न मर्दानी का ‘गे’ किस्म का निगेटिव किरदार निभाया है. इस किरदार की चर्चा करते हुए मुरली शर्मा ने कहा-‘‘प्रकाश झा निर्देषित फिल्म ‘जय गंगाजल’ में मैंने मुन्ना मदार्नी का निगेटिव किरदार निभाया है. मेरा किरदार पूरी फिल्म में है. मुन्ना मर्दानी थोड़ा सा ‘औरतपना’ जैसा किरदार है. इसे देखकर लोगों को ‘महाभारत’के पात्र शिखंडी की याद आ सकती है. पर मेरी कोशिश रही है कि यह किरदार इस तरह से निभाउं कि कहीं से भी यह कैरीकेचर न लगे.

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