मशहूर अभिनेत्री, गायिका, संगीतकार व गीतकार टीना घई 150 से अधिक फिल्मों में अभिनय कर चुकी हैं. बतौर गायिका उन के 8 अलबम रिलीज हो चुके हैं.

हाल ही में उन्होंने ‘माई नेशन’ नामक किताब लिखनी शुरू की. तभी उन्हें देश में फैले भ्रष्टाचार, अन्याय से जूझते लोग, औरतों के शोषण सहित आम इंसान की तमाम मुसीबतों का ऐसा एहसास हुआ कि उन्होंने लोगों में जागरूकता लाने के मकसद से ‘ढोल का पोल’ और ‘जागो इंडिया’ नामक 2 गीत लिखे. इन गीतों को संगीत से संवारने व उन्हें अपनी आवाज में रिकौर्ड करने के साथसाथ उन के वीडियो फिल्माए. इन गीतों व उन के जीवन के अन्य पहलुओं पर उन से बातचीत की गई. पेश हैं अंश :

बीच में आप गायब हो गई थीं?

मैं कहीं गई नहीं थी. पिता के आदेश का पालन करते हुए जब मैं ने शादी की तो मेरी पहली प्राथमिकता अपने परिवार व पति को समय देना बन गई. फिर मैं एक बेटी विधि की मां बनी, जोकि अब 3 साल की हो चुकी है. जब बेटी थोड़ी बड़ी हुई तो मैं ने सोचा कि अब फिर से काम करना चाहिए. और मैं ने गीतों पर काम करना शुरू किया.

4 साल बाद वापसी गीतकार व गायक के रूप में ही क्यों?

आसपास घट रही घटनाएं मुझे हमेशा झकझोरती रहती हैं. इसी वजह से मैं ने किताब ‘माई नेशन’ लिखना शुरू किया. इस किताब को लिखते समय मैं अन्ना हजारे व किरण बेदी के आंदोलन से भी प्रभावित हुई. निर्भया कांड हो गया, जिस ने मुझे अंदर से झकझोर दिया. इसलिए मैं ने सोचा कि क्यों न गीतों के माध्यम से अपने मन की बातें लोगों तक पहुंचाऊं ताकि लोगों की चेतना जागृत हो.

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