भारतीय सिनेमा भी क्षेत्रवाद का शिकार है. हिंदी फिल्मों की इंडस्ट्री को बौलीवुड के नाम से पहचाना जाता है. जबकि अन्य भाषाओं की फिल्मों को क्षेत्रीय भाषा की फिल्में कहा जाता है. इनमें से मलयालम, तमिल, तेलगू और कन्नड़ इन चार भाषाओं में बनने वाली फिल्मों को दक्षिण भारतीय फिल्म इंडस्ट्री कहा जाता है. अब तक का इतिहास गवाह है कि दक्षिण भारतीय फिल्मों में अभिनय कर नाम कमाने के बाद तमाम हीरोईन बौलीवुड में आकर अपना नाम रोशन कर चुकी हैं. मगर दक्षिण भारतीय फिल्मों का कोई भी हीरो अब तक बौलीवुड में लंबे समय तक टिक नहीं पाया. जबकि कमल हासन, सूर्या, राणा डग्गूबटी सहित कई दक्षिण भारतीय हीरो बौलीवुड में यदा कदा काम करते रहते हैं.

तो दूसरी तरफ अब तक बौलीवुड में नाम कमाने के बाद कुछ कलाकार दक्षिण भारतीय फिल्मों से जुड़े हैं. मगर दक्षिण भारत में इन कलाकारों को हीरों नही बल्कि विलेन के रूप में ही काम मिला. मगर ग्वालियर में जन्में एक डाक्टर पिता के बेटे हर्षवर्धन राणे ने हिंदी टीवी सीरियल ‘‘लेफ्ट राइट लेफ्ट’’ में अभिनय कर शोहरत बटोरी और फिर उन्हें दक्षिण भारतीय फिल्मों में बतौर हीरो अभिनय करने का मौका मिल गया.

महज तीन साल के अंदर हर्षवर्धन दक्षिण भारत की आठ फिल्मों में बतौर हीरो अभिनय कर जबरदस्त शोहरत बटोर चुके हैं. इस तरह हर्षवर्धन ने सिनेमा जगत में एक नए इतिहास को रचा है. दक्षिण भारतीय फिल्मों में व्यस्तता के चलते हर्षवर्धन राणे ने संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘‘रामलीला: गोलियों की रासलीला’’ में अभिनय करने का आफर ठुकरा दिया था. उसके बाद हर्षवर्धन राणे ने जान अब्राहम निर्मित फिल्म ‘‘सत्रह को शादी’’ तथा विनय सप्रू व राधिका राव निर्देशित फिल्म ‘‘सनम तेरी कसम’’ जैसी हिंदी फिल्में की है. इन दो हिंदी फिल्मों में से ‘‘सनम तेरी कसम’’ पांच फरवरी को तथा दूसरी फिल्म ‘‘सत्रह को शादी’’ इस साल के अंत तक रिलीज होगी.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...