समूचे विश्व को सकते में डाल देने वाले पनामा पेपर्स लीक मामले में दुनिया भर के देशों में तहलका मचा हुआ है. इसे लेकर कई राष्ट्राध्यक्षों समेत भ्रष्ट शख्सीयतों में बेचैनी है तो ईमानदारी से टैक्स चुकाने वाले लोग स्तब्ध हैं. पिछले 10 सालों में नेताओं, कारपोरेट, अपराधियों, बिचौलियों और दूसरे नामीगिरामी लोगों द्वारा काली कमाई छिपाने वाले नापाक गठजोड़ का यह सब से बड़ा खुलासा है. पनामा पेपर्स में भ्रष्ट नेताओं, कारपोरेट्स और ला फर्म का ऐसा बेनाम गठबंधन सामने आया है जिस ने दुनिया के प्रभावशाली लोगों ने बेनामी शैल कंपनियों के माध्यम से अकूत दौलत छुपाने का काम किया है.

पनामा पेपर्स लीक मामला आर्थिक अपराध की दुनिया का अब तक का सब से बड़ा पर्दाफाश है. इस खुलासे ने दुनिया के आर्थिक तंत्र के पीछे छिपी खामियों को उजागर किया  है. यह दुनिया भर के मीडिया की सामूहिक ताकत का इतिहास का सब से बड़ा उदाहरण है जिस ने एक साथ विश्व के भ्रष्ट नेताओं, उद्योगपतियों, खिलाडि़यों, अभिनेताओं, कुख्यात अपराधियों और नामीगिरामी शख्सीयतों की कमाई के काले कारनामों को उजागर किया है.

मामले के खुलासे के बाद शासकों के इस्तीफे हो रहे हैं. सरकारों के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए हैं पर भारत में खामोशी है. पनामा पेपर्स में भारत के भी 500 लोगों के नाम उजागर हुए हैं पर इस राष्ट्रद्रोह पर कोई अंगुली नहीं उठा रहा है. भारत के मीडिया में भी चुप्पी है.

दुनिया भर के रसूखदार लोगों के नाम सामने आने के बाद यह बातें कही जा रही है कि ये सभी गुप्त बैंक खाते और औफशोर कंपनियां गैरकानूनी नहीं हैं पर माना जा रहा है कि जिन लोगों के नाम आए हैं उन्होंने मनी लौंड्रिंग करते हुए रकम यहां लगाई और अपने देशों में टैक्स चोरी की है.

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