याद करना चाहें तो यह भी याद कर सकते हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति के इस बार के बेहद दिलचस्प चुनाव में अमेरिकी राष्ट्रवाद की दुहाई देने के साथ ही रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी प्रतिद्वंदी डेमोक्रेट उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन के खिलाफ अमेरिकी मतदाताओं को सावधान करते हुए यहां तक कहा था कि अगर वे जीतती हैं तो आईएस का खतरा बढ़ जाएगा. इससे समझा जा सकता है कि दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठन आईएसआईएस का डर कितना बड़ा और सचमुच असर रखने वाला है.

लेकिन इसी सच्चाई का दूसरा पहलू यह भी है कि अगर अमेरिकी चुनाव यानी 8 नवंबर को मतदान के पहले आईएस का सरगना अबू बकर अल बगदादी को खत्म कर दिया जाता है तो क्या डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन के पक्ष में मतदान का उछाल देखने को मिलेगा? यह सवाल इसलिए कि इस्लामिक स्टेट का सफाया करने के मकसद से इराकी सेना का साथ देने के लिए अमेरिका ने 67 देशों की मित्र सेना बनाई है और इराकी सेनाओं ने आईएस के नाभिकेंद्र मोसुल में बगदादी को चारों तरफ से घेर लिया है. यह शिकंजा लगातार कसता ही जा रहा है और जैसी कि खबरें आ रही हैं, उनके मुताबिक बगदादी किसी भी समय पकड़ा जा सकता है, बशर्ते वह खुद को आत्मघाती न बना ले.

गौरतलब है कि इराक के दूसरे सबसे बड़े शहर मोसुल पर आईएस के कब्जे के बाद ही बगदादी ने खुद को खलीफा घोषित किया था. अब आईएस के उसी गढ़ मोसुल में इराकी और कुर्दिश सेना मिलकर बगदादी के आतंकियों का सफाया करने में लगी है. कहा जा रहा है कि इराकी सेना के घेरे में आ जाने के बाद मोसुल में बगदादी के पांव उखड़ने लगे हैं और बगदादी व उसके संगठन इस्लामिक स्टेट की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. जिस इराक से बगदादी और इस्लामिक स्टेट ने सिर उठाया था, उसी इराक में उसकी और आईएस की कब्र खोदने की निर्णायक तैयारी कर ली गई है और उसके खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी जंग मोसुल में चल रही है.

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