अमेरिका में रिपब्लिकन राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप के चुने जाने का भले ही कुछ शहरों और राज्यों में प्रतिक्रिया स्वरूप विरोध के तात्कालिक स्वर सुने गए हैं, लेकिन इतना तय है कि अमेरिकी राजनय ही नहीं, ट्रंप की भूमिका वैश्विक व्याकरण में भी बदलाव लाने जा रही है. इसके संकेत अभी से मिलने शुरू भी हो गए हैं. वैश्विक व्याकरण के बदलाव के सकारात्मक और नकारात्मक पहलू क्या होंगे, यह तो बाद में पता चलेगा, लेकिन फिलहाल जहां पाकिस्तान थोड़ा सहमा हुआ है, वहीं भारत को उम्मीद है कि दोनों देशों के रिश्ते नई ऊंचाई छू सकेंगे. दूसरी तरफ चीन के राष्ट्रपति की अपेक्षा है कि उनके देश और अमेरिका के रिश्तों में संतुलन बना रहे, लेकिन सबसे ज्यादा रेखांकित किए जाने लायक बदलाव रूस और अमेरिका के बीच नजर आएगा, जो अबतक दो ध्रुव की तरह एक-दूसरे के विरोधी रहे हैं.

अमेरिका में चुनावों की प्रक्रिया खत्म होने के बाद पहली बार रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन और नवनिर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच फोन पर हुई बातचीत में दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य करने को लेकर सहमति बन जाने की खबर आई है. खुद क्रेमलिन की तरफ से जानकारी दी गई है कि दोनों नेताओं ने एक निजी बैठक के प्रावधान को लेकर सहमति व्यक्त की हैं. उधर नवनिर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति के सत्ता हस्तांतरण दल ने भी वाशिंगटन में इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि पुतिन ने ऐतिहासिक चुनाव जीतने पर बधाई देने के लिए डोनाल्ड ट्रंप को फोन किया था. क्रेमलिन के अनुसार, पुतिन और ट्रंप ने मौजूदा समय में रूस और अमेरिका के संबंधों की अत्यंत असंतोषजनक स्थिति को रेखांकित किया और इन्हें सामान्य बनाने के लिए सक्रिय रूप से साझे तौर पर काम करने की जरूरत का एलान किया. बताया गया है कि पुतिन ने ट्रंप को उनके प्रचार अभियान के दौरान किए गए वादों को पूरा करने में सफलता मिलने की कामना की और एक-दूसरे के घरेलू मामलों में हस्तक्षेप न करने तथा समानता व आपसी सम्मान के आधार पर नए प्रशासन के साथ साझेदारी की वार्ता शुरू करने की तत्परता व्यव्यक्त की.

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