पाकिस्तान और भारत के बीच बंदरगाहों को ले कर शीतयुद्ध चल रहा है. पाकिस्तान ने भारत को घेरने की योजना के तहत चीन की मदद से ग्वादर बंदरगाह बनाया है. सामरिक तौर पर अहम माने जाने वाले पाकिस्तान के इस बंदरगाह पर पाकिस्तान और चीन दोनों युद्धपोतों के बेड़े  तैनात करेंगे. पिछले दिनों पाकिस्तान के आला अफसरों ने यह घोषणा की. ग्वादर को 3 हजार किलोमीटर लंबा गलियारा चीन के शिनजियांग प्रांत से जोड़ता है. इस से चीनी नौसेना की अरब सागर तक पहुंच आसान हो जाएगी. इस की सुरक्षा के लिए चीन ने पाकिस्तानी नौसेना के साथ मिलकर रणनीति तैयार की है. विशेषज्ञों का मानना है कि आर्थिक गलियारे से चीन और पाकिस्तान दोनों की सैन्य क्षमता में इजाफा होगा.

ग्वादर का जवाब भारत चाहबार के जरिए दे रहा है. 23 मई को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी और ईरानी राष्ट्रपति हसन रोहानी के बीच तेहरान में चाहबार पोर्ट पर समझौता हुआ. भारत इस बंदरगाह में 50 करोड़ डौलर का निवेश करने जा रहा है. दक्षिण ईरान के चाहबार बंदरगाह के जरिए भारत पाकिस्तान को बाईपास कर मध्य एशिया तक पहुंच सकेगा. भारत के कजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान जैसे देशों से मजबूत संबंध हैं.

भारत की घेराबंदी

भारत व चीन  का युद्ध  खत्म हुए भले 55 साल हो गए मगर दोनों के बीच शीतयुद्ध अब भी जोरों पर है. चीन अपने साम्राज्यवादी मंसूबों को पूरा करने के लिए भारत को घेरने की रणनीति को अंजाम दे रहा है. इस घेराबंदी के लिए चीन भारत के दोनों तरफ उत्तरदक्षिण धुरी पर 2 सामरिक कौरिडोर बना रहा है. एक है ट्रांस कराकोरम कौरिडोर जो पश्चिमी चीन से पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह तक है. दूसरा है इरावाडडी कौरिडोर जो चीन के यूनान प्रांत से म्यांमार के सड़कमार्ग, नदीमार्ग और रेलमार्ग से होते हुए खाड़ी तक जाता है. म्यांमार में चीन ने क्याउक्यापु और थिलावा  ये 2 बंदरगाह बनाए हैं. तीसरा कौरिडोर बना है पूर्वीपश्चिमी धुरी पर. गोरमु से ल्हासा तक बनी रेल चीन की भारत के खिलाफ आक्रामक क्षमता बढ़ाएगी. चीन तिब्बत की रेल को भारतीय सीमा पर चुंबा घाटी तक ले जाना चाहता है, जहां सिक्किम, भूटान और तिब्बत की सीमाएं मिलती हैं. वह काठमांडू को भी रेलमार्ग के जरिए जोड़ना चाहता है. पूर्व-पश्चिम कौरिडोर के हिस्से के रूप में भारत चीन सीमा के समांतर सैनिक हवाईअड्डे बना रहा है. चीन हिंद महासागर में जो चौथा सामरिक कौरिडोर बना रहा है उसे अंतर्राष्ट्रीय जगत में बहुत खूबसूरत नाम से पुकारा जा रहा है, वह है -- स्ंिट्रग औफ पर्ल्स यानी मणियों की माला. मगर यह माला भारत के लिए फंदा बन सकती है.

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