यह लेख उन तमाम वोटरों को समर्पित है जिन्होंने दिल्ली में फ्री वाईफाई की उम्मीद में अरविंद केजरीवालजी को 95 फीसदी सीटों पर जीत दिलवाई. आखिर जीत के लिए कुछ लुभावना वादा तो चाहिए ही था और आजकल की यंग जैनरेशन को फ्री वाईफाई के अलावा और क्या आकर्षित कर सकता था. अब इतना बड़ा दावा कर दिया पूर्ण दिल्ली को वाईफाई से लैस करने का तो इस के लिए आय के स्रोत भी तो बनाने होंगे. केजरीवालजी कहते हैं कि एक साल लगेगा पर हम जैसे नौजवान, जो हरदम घोड़े पर सवार रहते हैं, 365 दिन इंतजार कैसे करेंगे. इसी से प्रेरित पेश हैं कुछ चुनिंदा टैक्स जिन्हें फ्री वाईफाई की उम्मीद में, हर स्मार्टफोनधारक देने के लिए सहसा तैयार हो जाएगा.

फ्रैंड रिक्वैस्ट टैक्स

यह टैक्स उन सभी नौजवानों, बूढ़ों पर लगाना चाहिए जो अनजान सुंदर लड़कियों को फ्रैंड रिक्वैस्ट भेजते रहते हैं, वह भी एकदो बार नहीं तब तक जब तक वे ऐक्सैप्ट नहीं करती. इस श्रेणी में वे सब आते हैं जो ऐसी रिक्वैस्ट भेजना अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझते हैं. कभी ये बोर हो रहे होते हैं तो झट से कोई भी नाम सर्च कर के फ्रैंड रिक्वैस्ट भेज देते हैं. यह बीमारी हर छोटेबड़े को लगी हुई है. हर युवक औसतन कम से कम 10-20 ऐसी रिक्वैस्ट दिन में भेज ही देता होगा. सोचो, अब अगर हर रिक्वैस्ट पर टैक्स लगे तो कितना पैसा इकट्ठा हो जाएगा. वह खुशीखुशी ऐसा टैक्स भर देगा क्योंकि यह उस की तरफ से सहयोग होगा फ्री वाईफाई की उपलब्धता के लिए. वाईफाई मिलने से वह इस अति जरूरी काम को कहीं पर भी अंजाम दे पाएगा. इंटरनैट का खर्चा बचेगा तो टैक्स भर ही देगा.

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