नींद हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है. इस के बिना हम चुस्तदुरुस्त नहीं रह सकते. शोध में पाया गया है कि नींद जहां हमारे शरीर को आराम देती है, वहीं शरीर को स्वस्थ भी रखती है. नींद के अभाव में अल्जाइमर जैसी जानलेवा बीमारी के खतरे की आशंका बढ़ जाती है. इस खतरनाक बीमारी की जांच के लिए डेविड होल्ट्जमैन ने चूहों और मनुष्यों के शरीर पर शोध किया.

शोध में पाया गया कि नींद चूहों और मनुष्यों में बीटा एमिलायड के स्तर को प्रभावित कर शरीर में कंपन पैदा करती है. कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि नींद पूरी न होने से शरीर की कुछ कोशिकाएं डैमेज हो जाती हैं, जिस की वजह से शरीर में कंपन शुरू हो जाता है. जिस से शरीर का संतुलन बिगड़ जाता है. शोध में यह भी स्पष्ट हुआ है कि एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए 6-7 घंटे की नींद आवश्यक है. नींद पूरी न होने की वजह से उच्च रक्तचाप व दिल के रोग होने की आशंका बढ़ जाती है इसलिए पूरी नींद जरूर लें.

शोध के दौरान यह भी पाया गया कि चूहों में बीटा एमिलायड का स्तर उस समय अधिक होता है जब वे जागे होते हैं. जब हम जागते हैं तो हमारा मस्तिष्क ज्यादा सक्रिय होता है और यह बीटा एमिलायड के स्राव का कारण हो सकता है. नींद ठीक से न आने की वजह से व्यक्ति चिड़चिड़ा हो जाता है इस के बावजूद डाक्टर नींद की दवा लेने की सलाह नहीं देते.

वैज्ञानिक शोधों में अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ कि नींद की दवा लेना जरूरी है या नहीं. कैंब्रिज विश्वविद्यालय के तंत्रिका विज्ञानी डोमेन क्रोपर के अनुसार, अगर भविष्य में नींद और अल्जाइमर का संबंध साबित हो जाता है तो लोगों को दवा खिलाने के बजाय सोने को प्रेरित करने के लिए अभ्यास कराना ज्यादा सही रहेगा.

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