पिछले हफ्ते रमेश अपने परिवार के साथ एक पार्टी में गए थे. वहां उन्होंने खाने का खूब आनंद तो उठाया पर बाद में पेटदर्द, दस्त, उल्टियों से उन की हालत खस्ता हो गई. घर के अन्य मांसाहारी सदस्यों का भी यही हाल था. रमेश की पत्नी मंजूषा की एक ही समय में सब की देखभाल करतेकरते हालत खस्ता हो गई थी. वे भी अस्वस्थ दिखने लगी थीं. पार्टी में आए कुछ और लोगों का भी यही हाल था. पता चला कि चिकन और मीट में बैक्टीरिया होने की वजह से लोगों की ऐसी दुर्दशा हुई है.

यह जरूरी नहीं है कि पार्टी के भोजन से ऐसा होता है, घर में असावधानीपूर्वक पकाए गए मांसाहार भोजन से भी ऐसी परिस्थिति उत्पन्न हो सकती है. बाहर के बने भोजन पर आप का वश नहीं है, पर घर में पकाए गए भोजन में सावधानी बरत आप स्वयं व परिवार की रक्षा कर सकते हैं. मांसाहार भोजन पकाने में कुछ बातों का ध्यान रखना अति आवश्यक है, वरना जब भी उस में बैक्टीरिया उत्पन्न होगा, उसे खाने के बाद व्यक्ति को कई शारीरिक समस्याओं को झेलना पड़ सकता है.

होटल या पार्टी वगैरह में आप कुछ नहीं कर सकते पर घर छोड़ कर और भी ऐसे स्थान हैं, जैसे पिकनिक स्थल, काम पर खाना ले जाना, यात्रा के दौरान का भोजन आदि, जहां आप मांसाहार साथ ले जाते वक्त सावधानी से काम ले सकते हैं. और परेशानी से बच सकते हैं. नए आविष्कारी तथ्यों द्वारा मांसाहार भोजन को पकाने व उस से पहले उस की ड्रैसिंग, संरक्षित करने की धारणाओं में भी पहले की अपेक्षा बहुत अंतर आ रहा है.  पहले माना जाता था कि मीट को पकाने से पहले पानी से उसे अच्छी तरह धो लेना चाहिए.

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