गरमी के मौसम में भी होंठों का सूखना या फटना आम बात है. लेकिन इन की नियमित देखभाल और घरेलू उपचार से होंठों को ठीक किया जा सकता है. सब से पहले यह जानना जरूरी है कि आखिर होंठ फटते क्यों हैं? इस बारे में मुंबई के द कौस्मैटिक सर्जरी इंस्टिट्यूट के कौस्मैटिक सर्जन डा. मोहन थौमस बताते हैं कि गरमियों में गरम, सूखी हवा और लू के चलने से भी होंठ फटने लगते हैं. इन के फटने की और वजहें निम्न हैं:
- जब होंठों के सूख जाने पर उन्हें बारबार जीभ से चाटते हैं, तो लार होंठों की नमी को सोख लेती है. इस से होंठों पर पपड़ी बनती है और फिर जब आप पपड़ी निकालती हैं तो नीचे की परत सूख जाती है. इस तरह होंठों का फटना लगातार जारी रहता है.
- होंठों को नमीयुक्त बनाए रखने के लिए कोई ग्रंथि नहीं होती. गरम हवा में ड्राईनैस होती है, जिस से होंठ फटते हैं. अगर होंठ ज्यादा फटते हैं, तो यह शरीर के डीहाइड्रेशन की ओर संकेत करता है.
- अगर आप अपने होंठों को ठीक तरह से सनस्क्रीन से प्रोटैक्ट नहीं करती हैं तो भी वे फटते हैं.
- गरमी में धूल, मिट्टी, पर्यावरण प्रदूषण की वजह से भी होंठ फटते हैं.
- जब आप मुंह से सांस लेती हैं, तो गरम हवा होंठ के ऊपर से बाहर आती है, जिस से लिप कै्रक होता है.
- कुछ टूथपेस्ट कई बार होंठों की त्वचा को सूट नहीं करते. ऐसे में होंठों का फटना जारी रहता है.
- कई बार अगर खट्टे फल, जूस, सौस आदि होंठों में ऐलर्जी पैदा करें तो भी उन के फटने की संभावना रहती है.
- कुछ दवाओं के सेवन से भी होंठ फटते हैं. इसलिए उन दवाओं का सेवन करते हुए ज्यादा मात्रा में तरल पदार्थ, जूस और पानी पीना चाहिए.
इस संदर्भ में कौस्मैटिक सर्जन डा. जेम्स डिसिल्वा बताते हैं कि यह जरूरी नहीं कि केवल धूप में जाने वाली महिलाओं के ही होंठ फटते हों. घर में रहने वाली महिलाओं को भी अगर गरम और सूखी हवा लगेगी, तो उन के भी होंठ फटेंगे. होंठों की त्वचा संवेदनशील होती है. अगर सही तरह से इन्हें लुब्रिकैंट नहीं करेंगी तो क्रैक्स आएंगे ही.