जूतेचप्पल सिर्फ फैशन और दिखावे के सामान ही नहीं बल्कि शरीर का सही संतुलन बन कर पैरों को सुंदर व स्वस्थ बनाने में भी अहम भूमिका निभाते हैं. लिहाजा, इन के चयन में कैसी सावधानियां बरतना निहायत ही जरूरी है, बता रही हैं डा. विभा सिंह.

वक्त बदला, समाज बदला और बदल गए लोग. इसी तरह जूतों व चप्पलों ने भी अपना रूप बदला. क्योंकि दूरियां तय करने में निश्चय ही इन का सहयोग था. चप्पल व जूते जहां पैरों को सुंदर बनाते हैं वहीं शरीर के भार को संतुलित रखते हैं. वे शरीर के अपने तथा उस पर लादे गए अतिरिक्त बोझ को कुशलता से पंजों पर इस प्रकार विभाजित करते हैं कि शारीरिक संरचना पर कोई प्रभाव न पड़े.

क्या आप जानते हैं कि आप के पैरों की संरचना से आप का जूता या चप्पल मेल खाता है या फिर बस सुंदर दिखने के लिए आप ने उसे पहन रखा है? क्या वह जूता पैरों के मेहराब के अनुसार बनाया गया है?

चप्पलों या जूतों को पैर में ठीक से फिट होना चाहिए, वरना पैरों में दर्द व चलने में परेशानी हो जाती है. असामान्य जूतों से पैरों में अकसर दर्द व त्वचा के घाव आदि बन जाते हैं.

ये भी पढ़ें-बेबी मास्क: बच्चों के लिए जानलेवा बन सकता है मास्क

पैरों के पंजे आराम के समय तो कुछ सिकुड़े रहते हैं और शरीर का वजन पड़ने पर ये लंबाई और चौड़ाई दोनों में फैलते हैं, अत: यह आवश्यक है कि जूता पहन कर कुछ दूर तक चल कर देखा जाए. जूता न तो अधिक कसा हो न ही अधिक ढीला, साथ ही उंगलियों के लिए समुचित जगह हो ताकि उंगलियां ठीक से फैल सकें.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...