एक लड़की का जीवन सीढ़ियों जैसा होता है वो एक ही जिंदगी में कई जिंदगियां जीती है पहले वो लड़की होती है अपने माता पिता की दुलारी. फिर शादी कर के ससुराल में जाती है तो वह बहु और बीवी कहलाती है लेकिन एक और पड़ाव आता है और वो है मां बनने का. इसमें वो औरत से मां तक का सफर तय करती है. यह उसके सामने सबसे बड़ा ख़ुशी का पल होता है. हालाकि यह 9 महीने का समय उसके लिये काफी कष्टदायी होता है लेकिन इसके बाद की खुशी के लिये वो शुक्रियाआदा करती है .और अगर उसका बच्चा नार्मल डिलीवरी से हो जाये तो यह उसके लिये और भी खुशी की बात होती है क्योंकि नार्मल डिलीवरी से वो खुद का और अपने बच्चे का ध्यान भी अच्छे से रख पाती है और न ही डिलीवरी के बाद कोई शारारिक कष्ट होता है.
लेकिन आज कल की हमारी दिनचर्या काफी भागदौड़ भरी होती है. ऐसे बिजी वक्त में खुद को स्वस्थ्य रख पाना महिलाओं के लिए मुश्किल हो गया है और पहले की तरह नौर्मल डिलीवरी करना नामुमकिन... क्योंकि पूरी प्रेग्नेंसी में महिलाओं को सभी काम करने पड़ते हैं, जिस वजह से वो फिजिकली और मेंटली नौर्मल डिलीवरी नहीं कर पाती. जानते हैं कुछ ऐसे टिप्स जिनको अपना कर नार्मल डिलीवरी की उम्मीद की जा सकती है.
तनाव से रहे दूर
सबसे पहले आप को अपनी लाइफ से तनाव को बिल्कुल दूर करना होगा. क्योंकि तनाव की वजह से प्रेगनेंसी में जटिलताएं आ सकती हैं. जिसका सबसे अधिक प्रभाव आप पर और अंदर पल रहे बच्चे पर पड़ेगा. तो कोशिश करें कि आप परेशानी में भी खुश रहें. ऐसे में आप किताबें पढ़ें, दूसरों से बात करें और हमेशा अच्छा सोचें और जो काम आपको करना पसंद है उस काम में लगे.