खेल की दुनिया में अपना परचम लहराने वाली कुछ जानीमानी महिला खिलाडि़यों ने माली हालत खराब होने के बावजूद चुनौतियों का डट कर मुकाबला किया. उन्होंने कई प्रतिबंधों और महिलाओं से जुड़े मिथकों को तोड़ कर खेल की दुनिया में नया कीर्तिमान रच कर देश को सोने के तमगों से नवाजा.

तुम में यदि हिम्मत है तो बगावत कर दो वरना जहां मां-बाप कहें, वहां शादी कर लो.’ शायर कैफी आजमी की इन पंक्तियों को सुन कुछ युवतियों ने बगावत की, तो कुछ ने मां-बाप की मरजी से शादी कर ली.

खेल की बात करें, तो कुछ गिनीचुनी युवतियों के नाम ही जुबां पर आते हैं. इन में मैरी कौम, साइना नेहवाल, सानिया मिर्जा, कर्णम मल्लेश्वरी, पीटी उषा, अंजू बौबी जौर्ज आदि ने महिलाओं से जुड़े मिथकों को तोड़ कर खेल की दुनिया में नए कीर्तिमान रचे हैं, लेकिन इन के अलावा और भी कई नाम हैं, जिनका खेल की दुनिया का सफर काफी चुनौतियों भरा रहा है.

किसी के परिवार ने उन्हें खेलों में आने से रोका, तो किसी को समाज ने और किसी की खराब माली हालत ने, लेकिन सभी ने चुनौतियों का डट कर मुकाबला किया यानी ऐसी बेमिसाल युवतियों व महिलाओं के लिए कहना गलत नहीं होगा कि खेल नहीं है आसान, इक आग का दरिया है और डूब के जाना है.  

वाकई यहां जिन महिला खिलाडि़यों का जिक्र किया जा रहा है, उन्हें मिले तमगों की चमक आग के दरिया को पार करने के बाद ही बनी है. हर चुनौती को इन्होंने बौना ही साबित किया है.

हैमर थ्रो प्लेयर : मंजूबाला

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