सुप्रीम कोर्ट में लोढ़ा कमिटी बनाम बीसीसीआई के बीच जारी टकराव में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. अब इस मामले में सुनवाई 17 अक्टूबर को होगी और इसी दिन कोर्ट अपना फैसला सुना सकता है. सुप्रीम कोर्ट अगले दस दिनों तक छुट्टियों की वजह से बंद रहेगा.

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई द्वारा राज्य एसोसिएशनों को फंड जारी करने पर रोक लगा दी है. यह रोक एसोसिएशनों द्वारा लोढ़ा कमिटी की सिफारिशों को मानने का प्रस्ताव पास करने तक लगी रहेगी. सुप्रीम कोर्ट ने अनुराग ठाकुर से कहा है कि वह आइसीसी चीफ से लोढ़ा कमिटी की सिफारिशों को लेकर हुई अपनी बातचीत को लेकर हलफनामा दाखिल करें.

इससे पहले कोर्ट ने बीसीसीआई से लोढ़ा कमिटी की सिफारिशों को बिना शर्त मानने के लिए कहा था और इस बारे में अंडरटेकिंग देने को कहा था. बीसीसीआई के वकील कपिल सिब्बल के इसमें असमर्थता जताने पर कोर्ट ने बीसीसीआई को एक दिन का वक्त दिया था. हालांकि शुक्रवार को आने वाला फैसला आगे टल गया है और इससे बीसीसीआई को थोड़ी राहत मिल गई है.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान बीसीसीआई के कामकाज को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए थे. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट और कोर्ट के सलाहकार गोपाल सुब्रमण्यम ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कंडेय काटजू को भी काफी खरी-खोटी सुनाई बीसीसीआई ने काटजू को इस केस में नियुक्त किया था. सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर के क्रिकेटर होने के दावे पर भी मजाक किया था.

सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई से सीधे सवाल पूछा था कि आप लोढ़ा कमिटी की सिफारिशें लागू करेंगे या नहीं? सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर इस बात से भी नाराज दिखे कि राज्य असोसिएशनों ने लोढ़ा कमिटी की सिफारिशों को वोटिंग के जरिए मानने से इनकार कर दिया.

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