भारतीय क्रिकेट के ‘मिस्टर भरोसेमंद’, ‘दि वॉल’ आदि नामों से पहचाने जाने वाले राहुल द्रविड़ आज अपना 43वां जन्मदिन मना रहे हैं. द्रविड़ भारतीय क्रिकेट के महान बल्लेबाजों में से एक हैं. उनकी गिनती ना सिर्फ भारत के बल्कि विश्व के महान बल्लेबाजों में की जाती है. वे सचिन तेंदुलकर के बाद एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने 10 हजार से ज्यादा रन बनाये हैं.

टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाड़ियों में द्रविड़ को चौथा स्थान प्राप्त है, उनसे ऊपर भारत के सचिन तेंदुलकर, आस्ट्रेलिया के रिकी पोंटिंग और दक्षिण अफ्रीका के जैक कैलिस के बाद उनका नाम है. राहुल बल्लेबाजी में अपनी तकनीक के कारण विश्वप्रसिद्ध हैं.

करियर रिकॉर्ड

प्रथम क्रम पर बल्‍लेबाजी करते हुए द्रविड़ ने टेस्‍ट और वनडे, दोनों में ऐसी पारियां खेलीं, जो उनके करियर के लिहाज से मील का पत्‍थर रहीं. द्रविड़ की डिफेंस इतनी मजबूत थी कि उनके विकेट को हासिल करना दुनिया के तमाम मशहूर गेंदबाजों की चाहत हुआ करती थी.

राहुल द्रविड़ ने 164 टेस्ट और 344 वनडे मैच खेले हैं. जिनमें टेस्ट में 13,288 और वनडे में 10,889 रन बनाये हैं. वर्ष 2011-12 में उन्होंने दोनों ही फॉरमेट में अपना अंतिम मैच खेला. वर्ष 2012 में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्‍यास लेने के बाद भी द्रविड़ कोच के तौर पर क्रिकेट से जुड़े हुए हैं.

टेस्ट

11 जनवरी 1973 को मध्‍यप्रदेश के इंदौर शहर में जन्‍मे राहुल शरद द्रविड़ ने जून 1996 में टेस्‍ट करियर का आगाज किया था. टेस्ट में द्रविड़ के नाम 36 शतक और 63 अर्द्धशतक हैं.

इसमें पाकिस्‍तान के खिलाफ रावलपिंडी में खेली गई 270 रन की पारी (वर्ष 2004)और ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ एडीलेड में खेली गई 233 रन की बेहतरीन पारी (वर्ष 2003) शामिल रही. इन दोनों टेस्‍ट मैचों में टीम इंडिया को जीत दिलाने में द्रविड़ के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता. टेस्‍ट करियर में राहुल ने पांच दोहरे शतक जमाए और पाकिस्‍तान के खिलाफ 270 उनका टॉप स्‍कोर रहा.

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