बेंगलुरु के 30 वर्षीय बिलियर्ड्स खिलाड़ी पंकज आडवाणी ने एडिलेड में आईबीएसएफ विश्व बिलियर्ड्स चैंपियनशिप का खिताब जीत लिया. यह खिताब उन के कैरियर का 14वां विश्व खिताब है जो उन्होंने सिंगापुर के पीटर गिलक्रिस्ट को 1168 अंकों से हरा कर अर्जित किया.

बिलियर्ड्स भारत में कम प्रचलित है. बिलियर्ड्स या गोल्फ आदि खेलों को अमीरों का खेल माना जाता है. हालांकि अब तो महानगरों में मौल्स, बड़ेबड़े होटलों या फिर क्लबों में इस खेल के खेलने की व्यवस्था होती है पर इस के लिए खेलने वालों को फीस अदा करनी पड़ती है. पर गांवकसबों में रहने वाले शायद ही इस खेल के बारे में कुछ बता पाएं. इस खेल को खेलने के लिए बहुत लंबाचौड़ा हिसाब नहीं है, एक आयताकार टेबल पर छोटी गेंदों की एक निश्चित संख्या और एक लंबी छड़ी की जरूरत होती है जिसे क्यू कहा जाता है. इस खेल के लिए बहुत जगह की भी आवश्यकता नहीं पड़ती. लेकिन इस खेल को ऐसा हाईफाई बना दिया गया है कि गरीब या मध्यवर्ग के लोग इस खेल को खेलने के लिए सोचें भी नहीं. हालांकि अगर कोई खिलाड़ी इस खेल को खेलना चाहे और उस में अगर क्षमता हो तो कोई भी चीज आड़े नहीं आती. ऐसे कई उदाहरण हैं भी. पर इस खेल को खेलना इतना आसान भी नहीं है. इसे खेलने के लिए मानसिक रूप से चुस्तदुरुस्त रहना पड़ता है, रणनीति बनानी पड़ती है और सब से बड़ी बात, इस में धैर्य रखना होता है. पंकज ने इस खिताब से पहले मनोचिकित्सक की राय ली थी. पंकज आडवाणी जैसे अनुभवी खिलाडि़यों को युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए आगे आना चाहिए ताकि इस खेल को ज्यादा से ज्यादा लोकप्रिय बनाया जा सके.

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