फॉर्मूला वन वर्ल्ड चैंपियन निको रोजबर्ग ने 2 दिसंबर को अचानक रिटायरमेंट की घोषणा करके सबको चौंका दिया है. उन्होंने कहा कि वर्ल्ड चैंपियन बनने के साथ ही मैं एवरेस्ट चढ़ गया हूं. मर्सिडीज के ड्राइवर निको रोसबर्ग तीन बार के चैंपियन लुइस हैमिल्टन को पछाड़कर 26 नवंबर को ही फॉर्मूला वन वर्ल्ड चैंपियन बने थें.

31 वर्षीय जर्मनी के रोसबर्ग 1993 में एलेन प्रोस्ट के बाद पहले ऐसे खिलाड़ी बने, जिन्होंने मौजूदा चैंपियन रहते हुए संन्यास लिया. रोसबर्ग ने इंटरनेशनल ऑटोमोबाइल फेडरेशन (एफआइए) के वार्षिक पुरस्कार समारोह से पूर्व विएना में यह बड़ी घोषणा की.

निको रोसबर्ग ने अपने फेसबुक पर लिखा है 'रेसिंग के 25 सालों में यह खिताब मेरा सपना था, मेरा एक ही सपना था फॉर्मूला रेस का विश्व चैंपियन बनना. कड़ी मेहनत, कई मुश्किलों और त्याग के बाद मैंने इसे हासिल किया है. मैंने अपना एवरेस्ट चढ़ लिया है. अब मैं अच्छा अनुभव कर रहा हूं. मैं उन सबका शुक्रिया करना चाहूंगा जिन्होंने मेरा साथ दिया और मेरे सपोर्ट में खड़े रहें.'

रोसबर्ग ने बताया कि 'सुजुका' में जीत हासिल करने के बाद से ही मैं रिटारयमेंट के बारे में सोचने लगा था. इस जीत के बाद से ही मेरे सामने बड़ा दवाब बनने लगा था और मैंने उसी समय सोच लिया था जैसे ही मैं विश्व खिताब जीत लूंगा मैं अपना करियर वहीं खत्म कर दूंगा.

मर्सिडीज टीम के मालिक टोटो वोल्फ ने कहा, ‘टीम के लिहाज से यह अप्रत्याशित और रोमांचक स्थिति है. निको ने साहसिक फैसला किया और इससे उनके जज्बे का पता चलता है. उन्होंने अपने करियर के शिखर पर रहते हुए एक विश्व चैंपियन के रूप में अलविदा कहने का फैसला किया है. उन्होंने अपने बचपन का सपना पूरा करने के बाद संन्यास लिया.’

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