ऑस्ट्रेलिया के गलैन मैक्सवेल का बल्ला तो आग उगलता ही है उनकी ज़बान भी कम आग नहीं उगलती. मैक्सवेल नतीजों की परवाह किये बग़ैर बेख़ौफ अपनी राय का इज़हार करने के लिये जाने जाते हैं.

मैक्सवेल कितने बेबाक हैं इसका अंदाज़ा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि वह पिच, बाउंड्री लॉ और कोच डैरन लेहमैन पर अपनी बेबाक टिप्पणी के लिये विवादों में फंस चुके हैं.

मेलबर्न में 96 की जिताऊ पारी खेलने के बाद उन्होंने फिर ऐसी टिप्पणी कर दी जिससे काफी वबाल, ख़ासकर बारचीय मीडिया में, मच गया. उन्होंने कहा कि भारतीय बल्लेबाज़ जब किसी रिकॉर्ड के पास पहुंच जाते हैं तो स्वार्थी हो जाते हैं.

मैक्सवेल ने मैच के बाद प्रेस कॉंफ़्रेंस में कहा था, "वे शायद सुनिश्चित कर रहे थे कि रिकॉर्ड बन जाए. कुछ लोग रिकॉर्ड्स के लिये खेलते हैं और कुछ नहीं." भारतीय मीडिया में इस बयान का ये अर्थ लगाया गया कि मैक्सवेल ने भारतीय बल्लेबाज़ों को स्वार्थी कहा.

पांचवे वनडे के पहले मैक्सवेल ने कहा कि उन्हें मालूम था कि भारतीय बल्लेबाज़ों पर उनकी टिप्पणी के बाद मीडिया हंगामा मचाएगा. मैक्सवेल ने कहा, "मुझे मालूम है, मालूम था कि हंगामा मचेगा लेकिन मैं परवाह नहीं करता."

मैक्सवेल ने विराट कोहली की चौथे वनडे में बैटिंग के बारे में बात की और इशारे में कह दिया कि जब वह (कोहली) अपने 25वें वनडे शतक के क़रीब पहुंचने लगे तो उनकी बैटिंग धीमी हो गई थी.

उन्होंने कहा, "मुझे एक तस्वीर भेजी गई. लिखा था- विराट कोहली ने 63 बॉल पर 84 रन बनाए (दरअसल उसने 61 बॉल पर 84 रन बनाए थे), और फिर 89 बॉल पर 100 रन (84 बॉल,100 रन) या शायद ऐसा ही कुछ. कोहली ने सेंचुरी पूरी करने के लिये अपने आख़िरी 11 रन 22 बॉलों पर बनाये.''

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