पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर को खुशी है कि महेंद्र सिंह धोनी ने सिर्फ सीमित ओवरों की कप्तानी छोड़ी है और संन्यास नहीं लिया. उनका मानना है कि यह विकेटकीपर बल्लेबाज भारतीय टीम में अभी काफी योगदान दे सकते हैं.

गावस्कर ने कहा, “अगर धोनी एक खिलाड़ी के तौर पर भी संन्यास ले लेते तो फिर उनकी वापसी के लिए मैं उनके घर के सामने धरने पर बैठने वाला पहला व्यक्ति होता. एक खिलाड़ी के रूप में वह अब भी विस्फोटक हैं. वह एक ओवर में मैच का पासा पलट देते हैं. भारत को एक खिलाड़ी के रूप में उनकी सख्त जरूरत है. धोनी के कप्तान नहीं रहने से उनकी बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग में मदद मिलेगी. हां, ऐसा होगा.”

धोनी की प्रशंसा करते हुए गावस्‍कर यहीं नहीं रुके. सनी ने कहा, ‘अगर जिंदगी के 15 सेकंड बचे हों तो मैं धोनी का वर्ल्‍डकप का आखिरी छक्‍का देखकर खुशी-खुशी मरना चाहूंगा.’

उन्‍होंने कहा, ‘धोनी जोखिम लेने में कमाल के थे. टी20 वर्ल्‍डकप-2007 में भी उन्‍होंने आखिरी ओवर जोगिंदर शर्मा से करवाया तो 2011 के वर्ल्‍डकप के फाइनल में मैन ऑफ सीरीज बने युवराज से पहले आकर मैच की जिम्‍मेदारी उठाई.’

आगे उन्होंने कहा कि “विराट कोहली निश्चित तौर पर उन्हें नंबर पर चार या पांच बल्लेबाज के रूप में उपयोग करेंगे, क्योंकि इससे नीचे उन्हें बल्लेबाजी के लिए उतारने का कोई मतलब नहीं बनता है. विकेटकीपिंग अब अधिक आसान हो जाएगी, क्योंकि उन्हें अब गेंदबाजी में बदलाव और क्षेत्ररक्षण के बारे में नहीं सोचना होगा. इनसे कई बार आपका ध्यान भंग होता है.”

गावस्कर ने कहा कि धोनी और कोहली मैदान में एक दूसरे के पूरक बन सकते हैं. इससे निश्चित तौर पर भारत को मदद मिलेगी, क्योंकि धोनी का शांतचित होने से विराट को भी मदद मिलेगी. टेस्ट क्रिकेट में आपको अपनी गलती में सुधार करने के लिए समय मिलता है, लेकिन सीमित ओवरों की क्रिकेट में चीजें तेजी से बदलती हैं और कुछ करने के लिए बहुत अधिक समय नहीं होता है और ऐसे में आपको जल्दी में फैसले करने होते हैं और यहां पर धोनी काफी उपयोगी साबित हो सकते हैं.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...