दुनिया का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है जहां महिलाओं ने अपनी प्रतिभा का लोहा न मनवाया हो. फीफा में अब तक पुरुषों का ही वर्चस्व रहा है पर पहली बार ऐसा हुआ है जब किसी महिला को अंतर्राष्ट्रीय नियामक संस्था यानी फीफा में महासचिव बनाया गया हो. 54 वर्षीया फातमा सामोरा को महासचिव के पद पर नियुक्त किया गया है. सामोरा अफ्रीकी देश सेनेगल की हैं. यह ऐतिहासिक फैसला फीफा की कांग्रेस में किया गया.

फातमा सामोरा ने जेरोम वाल्क का स्थान लिया है जिन पर फुटबौल संबंधी किसी प्रकार की गतिविधियों में हिस्सा लेने के संदर्भ में 12 वर्षों का बैन लगा है. फीफा के अध्यक्ष जियानी इन्फेन्टिनो ने सामोरा की तारीफ में कहा कि सामोरा हवा के झोंके की तरह होंगी. वे बाहर से हैं और संस्था में नई भी हैं. फातमा सामोरा अभी तक संयुक्त राष्ट्र में सेनेगल की राजनयिक थीं और फिलहाल वे नाइजीरिया में संयुक्त विकास कार्यक्रम से जुड़ी हैं. सामोरा 21 वर्षों से संयुक्त राष्ट्र के साथ काम कर रही हैं. फुटबौल जगत से उन का रिश्ता रहा नहीं है. बावजूद इस के, उम्मीद की जा रही है कि जिस प्रकार से पिछले कुछ वर्षों में फीफा की जो बदनामी हुई है वह शायद अब ठीक हो जाए. जब से फीफा में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं तब से फीफा पर सवाल उठ रहे हैं और इस का असर पिछले विश्वकप फुटबौल में दिख भी चुका है. फिलहाल, सामोरा इस पद को ले कर काफी उत्साहित हैं लेकिन संगठन के प्रदर्शन में सुधार लाने में वे अपनी योग्यता किस हद तक दिखाती हैं, यह वक्त ही बताएगा.

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