क्रिकेट में विकेटकीपर का रोल काफी अहम होता है. विकेट के पीछे खड़े विकेटकीपर की राय को कोई भी कप्तान हल्के में नहीं लेता. भारतीय इतिहास में ऐसे कई विकेटकीपर रहे हैं जिन्होंने खेल पर अपना अलग ही प्रभाव छोड़ा है. इनमें सबसे पहले नाम भारत की मौजूदा सीमित ओवरों की टीम के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी का आता है. धोनी ने विकेटकीपिंग की नई परिभाषा लिखी.
धोनी को भारतीय क्रिकेट इतिहास में सबसे सफल टेस्ट विकेटकीपर माना जाता है और आंकड़े भी इस बात की गवाही देते हैं. 2014 में टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने वाले धोनी ने कुल 90 टेस्ट मैच खेले हैं और 256 कैच के साथ 38 स्टंपिंग की हैं जोकि किसी भी भारतीय विकेटकीपर द्वारा किए गए सबसे ज्यादा शिकार हैं.
धोनी टेस्ट क्रिकेट में दोहरा शतक लगाने वाले पहले विकेटकीपर हैं. उन्होंने टेस्ट में 38.09 की औसत से कुल 8,249 रन बनाए हैं जोकि भारतीय टेस्ट विकेटकीपर के तौर पर सबसे ज्यादा रन हैं. टेस्ट में धोनी ने कुल छह शतक और 33 अर्द्धशतक लगाए हैं.
सयैद किरमानी दूसरे सफल विकेटकीपर
धोनी के बाद 1983 में पहली बार विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे सयैद किरमानी का नाम आता है. आंकड़ों के लिहाज से वह टेस्ट क्रिकेट में भारत के दूसरे सबसे सफल विकेटकीपर हैं. किरमानी ने भारत के लिए 88 मैच खेले हैं और 160 कैच तथा 38 स्टंपिंग की हैं. टेस्ट क्रिकेट में उनके नाम दो शतक और 12 अर्द्धशतक भी दर्ज हैं. किरमानी ने 27.04 की औसत से 2,759 रन बनाए हैं जिसमें उनका सर्वोच्च स्कोर 102 रन है.