यूं तो क्रिकेट का खेल 16वीं शताब्दी से ही खेला जा रहा है, लेकिन 19वीं और 20वीं सदी में इस खेल को पूरे विश्व में पहचान मिली. यह सच ही कहा गया है कि क्रिकेट खेल है अनिश्चिताओं का, रोमांच का. इस खेल में कब किस टीम का, खिलाड़ी का पासा पलट जाए कुछ कहा नहीं जा सकता.

1844 से ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला जा रहा है लेकिन 1877 में इसे विश्व स्तर पर पहचान मिली. 19वीं सदी से ही खेल लोकप्रिय हो गया था बावजूद इसके भारतीय टीम ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच साल 1932 में खेला था.

भारत में तो क्रिकेट का पदार्पण 20वीं सदी में हुआ लेकिन आज यह खेल भारत में धर्म माना जाता है. भारत ने ही दुनिया को क्रिकेट का भगवान दिया. क्रिकेट इतिहास में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने दो देशों की तरफ से क्रिकेट खेला. तो ऐसे में भारतीय खिलाड़ी कैसे पीछे रह सकते थें.

आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में ऐसे कई खिलाड़ी हुए हैं जिन्होंने क्रिकेट में अपना पदार्पण तो भारतीय टीम की ओर से किया लेकिन बाद में वे दूसरी टीमों की ओर से भी खेलते नजर आए. कुछ ऐसे क्रिकेटर भी हुए जिन्होंने भारत की सरजमीं पर अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की, लेकिन बाद में उन्होंने दूसरी टीमों की ओर से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलना शुरू किया. आइए आज हम आपको बताते हैं इन क्रिकेटरों के बारे में.

गुल मोहम्मद

गुल मोहम्मद ने साल 1946 में भारतीय टीम की ओर से टेस्ट मैचों में अपना डेब्यू किया था. गुल ने भारत के लिए कुल 8 टेस्ट मैच खेले. साल 1947 में भारत-पाक बंटवारे के 8 सालों बाद वर्ष 1955 में गुल को पाकिस्तान की नागरिकता मिल गई और वह पाकिस्तान की ओर से टेस्ट मैच खेलने लगें. साल 1921 में जन्में गुल ने साल 1938 रणजी ट्रॉफी में उत्तर भारत की ओर से डेब्यू किया था.

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