इन दिनों लोग भले ही मांसाहार छोड़कर शुद्ध शाकाहार अपना रहे हों, लेकिन टीम इंडिया के नए उभरते स्टार केदार जाधव ने अपनी शारीरिक क्षमता में एक्स्ट्रा पावर लाने के लिए शाकाहारी होने के बावजूद अपने आहार में नॉनवेज को शामिल करना पड़ा.

छोटे कद के केदार जाधव को पुणे में उनके तूफानी शतक से भले ही 'पॉकेट डायनामाइट' कहा जाने लगा हो, लेकिन पूर्व राष्ट्रीय चयनकर्ता सुरेंद्र भावे ने खुलासा किया कि कभी शुद्ध शाकाहारी रहे इस बल्लेबाज ने जब चिकन खाना शुरू किया तो इससे उनको अतिरिक्त शक्ति मिली. महाराष्ट्र राज्य विद्युत बोर्ड के पूर्व कर्मचारी महादेव जाधव के बेटे केदार का ताल्लुक ऐसे परिवार से है, जो शुद्ध शाकाहारी है.

भावे ने जाधव के बारे में बात करते हुए बताया, 'आप इसका श्रेय मुझे दे सकते हैं. वह मैं था, जिसने उसे चिकन खाना सिखाया.' महाराष्ट्र के पूर्व खिलाड़ी भावे ने कहा, 'मैं उसके स्टार बनने का श्रेय नहीं लेना चाहता हूं. मैं उसका कोच, बड़े भाई, मेंटर और गाइड की तरह हूं, जो कभी कभी मुझसे टिप्स लेता है. आखिरी बार (2010-11 में) मैंने उससे कहा कि उसकी बैकलिफ्ट सही नहीं लग रही है और उसने तुरंत उसमें सुधार किया और इससे काफी फायदा मिला.'

उन्हें याद है जब उन्होंने पहली बार केदार को कूच बिहार ट्रॉफी में केरल के खिलाफ 262 गेंदों पर 195 रन की पारी खेलते हुए देखा तब उन्हें तुरंत ही लगा कि वह (जाधव) खास हैं. जिस आसानी से वह केरल के गेंदबाजों पर शॉट लगा रहा थें वह वास्तव में भिन्न था. वह हर प्रारूप में खेल सकते हैं. वह गेंदबाजी कर सकते हैं, विकेट ले सकते हैं और उनकी विकेटकीपिंग किसी भी विशेषज्ञ से बेहतर है. हमने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए उनकी विकेटकीपिंग देखी थी. वह बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं.

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