वीवीएस लक्ष्मण की ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ कोलकाता में खेली गई 281 रनों की पारी को 50 साल की सबसे अच्छी पारी माना गया है. इसको चुना है पूर्व क्रिकेटर्स, कमेंटेटर और पत्रकारों के एक पैनल ने. आइए जानते हैं आखिर क्यों खास थी ये पारी...

बात करीब 15 साल पुरानी है. वर्ल्ड क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया की तूती बोलती थी. वन-डे में वर्ल्ड चैंपियन और टेस्ट में कंगारू नंबर-1 थे. लगातार 15 टेस्ट जीत चुकी ऑस्ट्रेलियाई टीम स्टीव वॉ की कप्तानी में 'फ़ाइनल फ्रंटियर' जीतने भारत आई. सीरीज़ का पहला टेस्ट मुंबई में 10 विकेट से जीत ऑस्ट्रेलिया ने 16 लगातार जीत का नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया.

फालोआन खेलना पड़ा था टीम इंडिया को
कोलकाता में पहली पारी में कप्तान स्टीव वॉ की शतक की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने 445 रन बनाए. ग्लेन मैक्ग्रा की गेंदबाज़ी के सामनी टीम इंडिया पहली पारी में 171 रन पर सिमट गई. भारत को फॉलोऑन का सामना करना पड़. 52 रन पर पहला विकेट गिरने के बाद क्रीज़ पर आए वीवीएस लक्ष्मण.

ग्लैन मैक्ग्रा, जेसन गिलेस्पी, माइकल कैस्पोरोविच और शेन वॉर्न जैसे दिग्गज़ गेंदबाज़ों को अगले 631 मिनट तक हैदराबाद के स्टाइलिश नौजवान को 452 गेंदें फेंकनी थी. तीसरे दिन लंच के बाद आए लक्ष्मण ने दिन का खेल खत्म होते-होते अपना दूसरा टेस्ट शतक पूरा कर लिया.

पूरे दिन खेलते रहे लक्ष्‍मण-द्रविड़
मैच का चौथा दिन. 14 मार्च 2001. इस तारीख ने ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट को हमेशा के लिए बदल दिया. वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ ने दिन भर बल्लेबाज़ी की और 335 रन जोड़े. टेस्ट में तब भारत की ओर से सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर 236 सुनील गावस्कर के नाम था. लक्ष्मण उससे भी आगे निकल गए.

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