सोशल मीडिया यानी फेसबुक हो या व्हाट्सऐप, अधकचरे ज्ञान और सीमित जानकारी का भंडार खुला पड़ा है. हर आदमी स्वयं को विषय का विशेषज्ञ मान बिना जानेपरखे, बिना तथ्य देखे अपनी राय देने में व्यस्त है. ऐसा ही एक विषय है चीन के सामान का, जिस पर हर कोई अपनी विशेष राय दे रहा है. चीन भारत से ही नहीं, अन्य देशों से भी अपेक्षाकृत सस्ते उत्पादों को बनाने व बेचने में ज्यादा समर्थ है. पर क्या कारण है कि चीन ज्यादा सस्ते उत्पाद बना भी सकता है और बेच भी सकता है.

कार्यकुशल श्रमिक :  यह पूरी तरह सच नहीं है कि चीन दुनिया का सब से कम पारिश्रमिक देने  वाला देश है. श्रीलंका, वियतनाम जैसे और देश भी हैं जहां पारिश्रमिक चीन से 30 प्रतिशत कम दिया जाता है. पर जो फर्क है वह है श्रमिकों की कार्यकुशलता. पिछले 4 सालों में चीनी पारिश्रमिक हर साल 15 प्रतिशत बढ़ रहा है. उत्पादन क्षमता में पारिश्रमिक की बढ़ोतरी भी बराबर ही है. चीन का उत्पाद विकास विश्व के ज्यादातर देशों से काफी आगे है.

1990 से 2010 के बीच चीन की वार्षिक औसत उत्पाद विकास दर 2.8 प्रतिशत थी, अमेरिका और जापान (क्रमश: 0.5 प्रतिशत और 0.2 प्रतिशत) से कहीं ज्यादा.

न्यूयार्क टाइम्स के अनुसार, आईफोन बनाने वाली एक चीनी फैक्टरी ने 8 हजार कर्मचारियों को आधी रात को ही काम करने के लिए उठा दिया था. किसी अन्य देश में तो यह सोचा भी नहीं जा सकता.

सामान पहुंचाने की बेहतर व्यवस्था:  बेहतरीन सप्लाई चेन से कच्चे माल से तैयार सामान तक सबकुछ उपभोक्ताओं तक पहुंचता है. चीन की खासीयत यह है कि उस के पास इलैक्ट्रौनिक्स उत्पादन के लिए आवश्यक कच्चा सामान बहुतायत में है.

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