पैसा हाथ का मैल नहीं मेहनत का मेडल होता है. पैसे को हाथ का मैल समझ कर जिसने खर्च किया, उसका हश्र बुरा होता है. विजय माल्या और सुब्रत राय सहारा, दो बड़े नाम हैं जिनसे यह बात समझी जा सकती है. जोडतोड और दिखावे के दम पर इन दोनो ही कारोबारियों ने बहुत कम समय में अपना नाम सबसे सफल कारोबारियों की सूची में दर्ज करा लिया था. दोनो ने ही कई बीमार कंपनियों को खरीद कर इस तरह का प्रदर्शन किया जैसे कारोबार की दुनिया में सब कुछ इनके ही कदमों में ही होगा. कुछ ही सालों के अंदर यह दोनो ही कारोबारी सबसे ऊंचें पायदान से गिर कर गुम हो गये.

सुब्रत राय सहारा जेल में हैं और विजय माल्या देश छोड कर फरार हो चुके हैं.1955 में जन्में विजय माल्या को शराब का बिजनेस पिता विठ्ठल माल्या ने विरासत में दिया था.1983 में विजय माल्या ने शराब की कंपनी संभालनी शुरू की. कुछ ही दिनों में वह शराब कंपनी के सबसे बडे कारोबारी बन गये. 2005 में किंगफिशर एयरलाइंस की शुरूआत करने के बाद विजय माल्या का नाम देश के सबसे सपफल कारोबारियों में गिना जाने लगा था. 2008 में माल्या ने रेसिंग कंपनी फोर्स इंडिया शुरू की. 2008 में उनका नाम दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में 962वें नंबर पर था. 7 साल में ही विजय माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस दिवालिया हो गई. 2012 में कई बैंको ने विजय माल्या को विलफुल डिफाल्टर घोषित कर दिया.

विजय माल्या को शोमैन बनने का बडा शौक था. वह हर साल अपनी कंपनी का एक कैलेंडर शूट कराते थे, जो पूरे देश में चर्चा का विषय होता था. नेताओं ओर अभिनेताओं से उनकी करीबी दोस्ती थी. सीधे राजनीति में जब वह सफल नहीं हुये, तो राज्यसभा के सदस्य बन गये. हर दल के बडे नेता से विजय माल्या के करीबी संबंध थे. मार्च 2016 में विजय माल्या चर्चा में तब आये जब वह चुपचाप देश छोड कर चले गये. आईडीबीआई सहित 17 बैंकों के करीब 9 हजार करोड के कर्जदार विजय माल्या विलासितापूर्ण जिदंगी जीने के आदी थे. शाहखर्ची करने में वह सबसे आगे थे. मंहगी दावत देते थे और दिखावे वाले सारे काम करते थे. कुछ इसी तरह से सुब्रत राय सहारा भी शान औ शौकत की जिदंगी जीते थे. आज देश के यह अरबपति कारोबारी सबसे बडे कर्जदार हैं.

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