बैंक जहां हमें लेनदेन की अनेक सुविधाएं देते हैं वहीं उन के द्वारा समयसमय पर लगाए जाने वाले बैंकिंग चार्ज हमारी मुश्किल भी बढ़ा देते हैं. बैंकों द्वारा लगाए जाने वाले बैंकिंग चार्जेज और उन से बचने के उपायों की जानकारी दे रही हैं प्रीथा के जी.

कभी न कभी तकरीबन, हर किसी को बैंकिंग से संबंधित समस्याओं का सामना करना ही पड़ता है. केरल के शहर चालकुड़ी की निवासी सविता को भी ऐसी ही एक समस्या से निबटना पड़ा. उस ने एटीएम से 500 रुपए निकाले और बाजार में जा कर सामान खरीदा. दुकानदार को रुपए देते समय उस ने देखा कि जो नोट उस ने एटीएम से निकाला था वह सेलो टेप से जुड़ा फटा नोट है. इस बारे में उस ने पास के बैंक में जा कर बैंक मैनेजर से बात की. उस ने विड्रौल स्लिप के साथ शिकायत दर्ज कराई. नतीजतन, बैंक ने उसे 500 रुपए का सही नोट दे दिया और टेप लगा नोट रख लिया.

बैंकिंग जानकारी : बैंकिंग सेवा व बैंकिंग क्षेत्र से संबंधित जानकारी रखना हर नागरिक के लिए जरूरी है. स्टेट बैंक औफ इंडिया यानी एसबीआई अलप्पुझा शाखा के रिलेशनशिप मैनेजर राजीव बताते हैं कि सेविंग अकाउंट खोलते समय बैंक कस्टमर को मुफ्त पासबुक देता है लेकिन अगर पासबुक नष्ट हुई या खो गई तो कस्टमर नई पासबुक के लिए आवेदन दे सकते हैं.

इस के लिए कस्टमर को खास चार्ज देना पड़ता है. कई बैंक 100 से 200 रुपए तक चार्ज करते हैं. सेविंग व करैंट अकाउंट में मिनिमम बैलेंस रखना होता है. अधिकांश बैंक ऐसा निर्देश देते हैं. लेकिन कई बैंकों ने मिनिमम बैलेंस रखने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है. कुछ बैंकों द्वारा 500 रुपए से 20 हजार रुपए तक मिनिमम बैलेंस रखने का नियम भी बनाया गया है. 3 महीने के आधार पर 750 से 19 हजार रुपए तक का मिनिमम बैलेंस रखने का भी नियम है.

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