सेबी के एक सर्वे के जरिए यह बात सामने आई है कि देश के 95 फीसदी लोग आज भी अपना पैसा निवेश करने के लिए बैंक जमाओं (फिक्स्ड डिपॉजिट) को शौप देते हैं, जबकि 10 फीसद से भी कम लोग अपना पैसा म्युचुअल फंड और स्टॉक में निवेश करना पसंद करते हैं. देश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में किया गया यह सर्वे बताता है कि भारतीयों के लिए जीवन बीमा दूसरा सबसे पसंदीदा निवेश विकल्प है. इसके अलावा भारतीयों के शीर्ष पांच निवेश विकल्पों में कीमती धातु (सोना-चांदी), पोस्ट ऑफिस सेविंग स्कीम और रियल एस्टेट आता है.

हम आपको आज फिक्स्ड डिपॉजिट के फायदे और नुकसान के बारे में बताएंगे.

बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट करना आम निवेशकों के बीच एक पसंदीदा निवेश विकल्प है. इसका सीधा कारण एक तो बैंक एफडी के जरिए किए जाने वाले निवेश का जोखिम रहित होना है और दूसरा निश्चित अवधि के एक निश्चित और आकर्षक ब्याज दर पर रिटर्न मिलना है. लेकिन एक्सपर्ट मानते हैं कि इन खूबियों के बाद भी बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट करवाने के कुछ नुकसान भी हैं.

फिक्स्ड डिपॉजिट के फायदे

1. जब कोई व्यक्ति किसी बैंक या पोस्ट ऑफिस में फिक्स्ड डिपॉजिट करवाता है तो यह निवेश पूरी तरह से जोखिम रहित होता है.

2. यह निवेश किसी भी तरह से लिंक नहीं होता. फिक्स्ड डिपॉजिट की अवधि पूरी होने के बाद निवेशक को पूरी राशि ब्याज के साथ वापस मिल जाती है.

3. फिक्स्ड डिपॉजिट में ब्याज दर सीनियर सिटीजन के लिए कुछ अधिक होती है.

4. बैंक भी समय-समय पर इसकी समीक्षा करके बाजार के अनुरूप

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