हमारी आर्थिक तरक्की और गरीबों की संख्या घटने की रफ्तार भले ही धीमी हो, लेकिन देश का मोबाइल फोनसेवा का बाजार तेजी से तरक्की कर रहा है. आंकड़ों के अनुसार, देश में मोबाइल कनैक्शन आधी से अधिक आबादी के पास है. भारत की मोबाइल कंपनियां भी अच्छा कारोबार कर रही हैं. सरकारी क्षेत्र की सेवा प्रदाता कंपनियां बीएसएनएल और एमटीएनएल ईमानदारी से तो काम करती हैं लेकिन सेवा प्रदाता के रूप में उन की साख अच्छी नहीं है. अच्छी सेवा नहीं होने के कारण लोग इन कंपनियों की सेवा लेने से कतराते हैं. निजी क्षेत्र की कंपनियां भारती एअरटेल की देश में भी अच्छी स्थिति है. उपभोक्ता अच्छी सेवा प्रदाता कंपनी को प्राथमिकता देते हैं. देश में एअरटेल की स्थिति जो भी हो, लेकिन विदेशों में उस का डंका बज रहा है. वर्ल्ड सैल्युलर इनफौरमेशन सर्विस के हाल में जारी डाटा के अनुसार, सुनील भारती मित्तल की कंपनी भारती एअरटेल दुनिया की तीसरी सब से बड़ी मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी है. कंपनी के पास 30.30 करोड़ ग्राहक हैं. उस से पहले चाइना मोबाइल और वोडाफोन हैं जिन की ग्राहक संख्या क्रमश: 62.62 करोड़ तथा 40.30 करोड़ हैं. चीन की यूनीकौम तथा अमेरिका की मोविल उस की तुलना में पीछे हैं. दक्षिण एशिया तथा अफ्रीका महाद्वीप के 20 देशों में एअरटेल यूनिकौम तथा मोविल से आगे है. एअरटेल का यह जलवा भारतीय मोबाइल फोनसेवा प्रदाता कंपनियों के लिए प्रेरणा का स्रोत होना चाहिए और उन्हें पहले, देश में अपनी सेवाएं बेहतर बनाने के लिए काम करना चाहिए. मुश्किल यह है कि सभी भारतीय मोबाइल कंपनियां ग्राहकों के हितों के बजाय अपनी कमाई को महत्त्व दे रही हैं.

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