इसे संयोग ही कह सकते हैं कि रिजर्व बैंक के गवर्नर पद पर रघुराम राजन की तैनाती के बाद से शेयर बाजार में खुशहाली लौटी है और रुपया गिरावट की ओर बढ़ने के बजाय सुधार का रुख करने लगा. नए गवर्नर के पदभार संभालने के बाद कई दिनों तक रुपए में सुधार रहा और उस में मजबूती का स्तर बेहद उत्साहजनक बना रहा.

उधर, शेयर बाजार का सूचकांक लंबे अरसे बाद 20 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर तक पहुंचा. 10 सितंबर को तो सूचकांक 4 साल में पहली बार 1 दिन में 729 अंक की रिकौर्ड ऊंचाई पर पहुंचा. 4 दिन तक बाजार में उछाल रहा लेकिन 5वें दिन सूचकांक स्थिर रहा, हालांकि निफ्टी में 5वें दिन भी बढ़त जारी रही.

जानकार इस की बड़ी वजह सीरिया के बदले रुख को मानते हैं. उन का कहना है कि सीरिया पर अमेरिकी कार्यवाही की बढ़ती आशंका से बाजार में घबराहट थी लेकिन युद्ध नहीं होने की संभावना बनते ही बाजार का माहौल बदल गया. वैश्विक बाजार भी सुधरे.

इसी बीच, अगस्त में भारत का निर्यात 13 फीसदी बढ़ने, कारों की बिक्री 15 प्रतिशत चढ़ने और नौकरियों की संभावना बढ़ने जैसे कई सकारात्मक आंकड़ों के परिणामों की बदौलत शेयर बाजार में जम कर बिकवाली हुई. इसी दौरान सरकार ने कहा कि रुपए के लगातार मजबूत होने से डीजल के दाम नहीं बढ़ाए जाएंगे. इन सब परिस्थितियों का बाजार पर सकारात्मक असर पड़ा जिस से सूचकांक में सुधार रहा. सितंबर के दूसरे पखवाड़े में तो सेंसैक्स 20 हजार के अंक को पार कर गया. यानी दीवाली से पहले शेयर बाजार में दीवाली मन रही है.

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