नोटबंदी के बाद से ही चेक का प्रयोग पहले से बढ़ गया है. इससे पहले हमारे देश में लोग चेक का प्रयोग कम ही करते थे. अब जब चेक से लेन-देन बढ़ रहा है तो आपको चेक बाउंस होने के बारे में भी पता होना चाहिए. चेक बाउंस होना एक आम समस्या बनती जा रही है. अब तो चेक बाउंस होने पर कड़ी सजा का व्यवधान है.

अगर आपको लगता है कि चेक बाउंस होने का कारण अकाउंट में बैलेंस न होना है तो ऐसा नहीं है. चेक बाउंस होने के कई कारण हैं.

ये हैं चेक बाउंस होने के कारण

1. बैलेंस हो कम

अगर आपके अकाउंट में चेक पर लिखी राशि से कम बैलेंस है, तो आपका चेक बाउंस हो जाएगा. अकाउंट में राशि शून्य होने पर ही चेक बाउंस हो, ये जरूरी नहीं है.

2. जब फ्रीज हो जाए अकाउंट

अगर आपका अकाउंट किसी कारण से फ्रीज हो जाए तब भी आपका चेक बाउंस हो सकता है. अकाउंट फ्रीज होने के कई कारण हो सकते हैं. फ्रीज अकाउंट में पैसे होने पर भी चेक बाउंस हो जाएगा.

3. हस्ताक्षर

बैंक हमारे हस्ताक्षर की एक प्रति अपने पास सेव करके रखता है. अगर आपने किसी के नाम पर चेक इश्यू किया है, पर उस पर बैंक में मौजूद प्रति जैसे दस्तखत नहीं किए है, तो भी आपका चेक बाउंस हो जाएगा.

4. पुराने चेक लगाने पर

किसी भी मल्टीसिटी चैक की वैलिडीटी 3 महीने की होती है. अगर आपने 3 महीने पुरानी चेक बैंक में जमा की है, तो बैंक आपका चेक रिजेक्ट कर सकता है.

5. चेक में नाम या तारीख बदलना

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