वर्ष 2016 की शुरुआत भारत के लिए अच्छी नहीं रही. पठानकोट में पाकिस्तान से आए आतंकवादियों ने हमला किया जिस में सेना के कई जवान शहीद हो गए. अफगानिस्तान में भारतीय वाणिज्यिक दूतावास पर हमला हुआ. बौंबे स्टौक एक्सचेंज यानी बीएसई के लिए भी वर्ष की शुरुआत अच्छी नहीं रही. करीब 3 सप्ताह से तेजी पर चल रहे बाजार में, चीन में विनिर्माण क्षेत्र के लगातार 28वें माह गिरावट रहने से भूचाल आ गया. इसी दौरान सऊदी अरब और ईरान के बीच राजनयिक संपर्क टूटने की खबर आई जिस से निवेशकों में निराशा छा गई और सूचकांक 540 अंक लुढ़क कर 26 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से काफी नीचे आ गया.

इस दौरान रुपया डौलर के मुकाबले 2 माह के निचले स्तर पर यानी 66.61 पैसे तक पहुंच गया. नैशनल स्टौक एक्सचेंज भी इस दौरान 8 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे उतर गया और सूचकांक 172 अंक तक गिर गया. नए साल के तीसरे कारोबारी दिन में भी बाजार में नकारात्मक माहौल रहा और सूचकांक में गिरावट दर्ज की गई.

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