एक निवेशक के तौर पर असेट क्‍लास के बारे में जानना बहुत ही जरूरी होता है, क्‍योंकि जब आप अपना पैसा कहीं भी निवेश करते हैं, तब इसकी निश्चित असेट क्‍लास को ही देखा जाता है. पर्सनल फाइनेंस की दुनिया में कई फाइनेंशियल प्रोडक्‍ट्स हैं, जो किसी निवेशक के लिए हर चीज को उलझा हुआ बना देते हैं, लेकिन यदि आप यह जानते हैं कि कौन सा असेट क्‍लास किस प्रोडक्‍ट से संबंधित हैं, तब पर्सनल फाइनेंस आपके लिए एक आसान खेल की तरह होगा.

असेट क्‍लास क्‍या है?

असेट क्‍लास को एक बड़ी बास्‍केट के रूप में माना जा सकता है, जहां सभी फाइनेंशियल प्रोडक्‍ट्स इन असेट क्‍लास से संबंधित होते हैं. रिस्‍क, रिटर्न, लिक्‍वीडिटी और अन्‍य विभिन्‍न पैरामीटर्स इनमें एक जैसे होते हैं.

उदाहरण के लिए, फि‍क्‍स्‍ड डिपॉजिट और पीपीएफ अलग-अलग फाइनेंशियल इंस्‍ट्रूमेंट हैं, लेकिन गहरे स्‍तर पर यह दोनों ही सुरक्षित प्रोडक्‍ट हैं, इन प्रोडक्‍ट्स में आपको कभी नुकसान नहीं होगा. इन पर मिलने वाला रिटर्न पहले से ही तय होता है और इनके रिटर्न का अनुमान भी लगाया जा सकता है. एफडी और पीपीएफ के सामन्‍य लक्षणों को आप देख सकते हैं, ऐसा इसलिए है क्‍योंकि ये दोनों ही फि‍क्‍स्‍ड इनकम असेट क्‍लास से संबंधित हैं.

असेट क्लास के प्रकार

- फिक्स्ड इनकम

- इक्विटी

- रियल एस्टेट

- कमोडिटीज

- कैश

सारे फाइनेंशियल प्रोडक्ट इन्ही असेट क्लास में से ही एक होते हैं. हर असेट क्लास की अपनी अलग खासियत होती है.

फिक्स्ड इनकम

फिक्स्ड इनकम असेट क्लास के फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स में निवेशित राशि पर मिलने वाला रिटर्न फिक्स्ड या फिर पहले से अनुमानित होता है. इसमें इंडोनमेंट पॉलिसी, डेट म्यूूचुअल फंड्स, डिबेंचर्स, ईपीएफ, पोस्ट ऑफिस के प्रोडक्ट्स आदि शामिल हैं.

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