सूचना तकनीक के क्षेत्र में भारत विश्व में शीर्ष स्थान पर है. इस की बड़ी वजह उत्पादन की गुणवत्ता के साथ ही इस क्षेत्र के लिए यहां के लोगों की दीवानगी भी हो सकती है. मोबाइल टैलीफोन का भारत दुनिया में सब से बड़ा बाजार है, इसलिए दुनियाभर के मोबाइल फोन उपकरण निर्माता कंपनियां भारत की तरफ आकर्षित हो रही हैं. घरेलू स्तर पर भी कई कंपनियां मोबाइल उपकरण बना कर अच्छा कारोबार कर रही हैं. सेवा प्रदाता कंपनियों की भी भारत में काफी गहरी रुचि रही है और उन्होंने अपनी सेवाएं दे कर इस बाजार को प्रतिस्पर्धी बनाया है.
अब बारी इंटरनैट की है. चीन और अमेरिका के बाद इंटरनैट का इस्तेमाल करने वालों में भारत तीसरे स्थान पर है. इस क्षेत्र में तेजी से तरक्की हो रही है और इस क्षेत्र में विकास की भविष्यवाणी करने वाली वैश्विक कंपनी विजुअल नैटवर्किंग इंडैक्स यानी वीएनआई की मानें तो अगले 5 वर्ष में भारत में इंटरनैट का इस्तेमाल करने वालों की संख्या 5 गुना बढ़ कर 53 करोड़ के करीब पहुंच जाएगी.
वीएनआई का कहना है कि 2018 तक भारत में इंटरनैट यूजर हर साल 41 फीसदी की रफ्तार से बढ़ सकते हैं और 5 वर्ष में यह संख्या 5 गुना हो जाएगी. वैश्विक कंपनी ने भारत का 2005 का आंकड़ा दिया और बताया कि 10 साल पहले की तुलना में 5 साल बाद ही भारत में इंटरनैट उपभोक्ताओं की संख्या 159 गुना बढ़ जाएगी. इस के मोबाइल इंटरनैट यूजर अथवा गैरपीसी यूजर की संख्या करीब 60 फीसदी होगी. मतलब की बाजी मोबाइल फोन के हाथ में ही रहेगी. मोबाइल फोन के उपभोक्ताओं की संख्या तब तक सारे रिकौर्ड तोड़ कर नई ऊंचाई पर होगी जिसे छूना किसी अन्य देश के लिए भी शायद आसान नहीं होगा.