भारत चिकित्सा क्षेत्र में धीरेधीरे बादशाहत हासिल करने की तरफ बढ़ रहा है. दुनियाभर से लोग इलाज कराने के लिए भारत का रुख कर रहे हैं. अमेरिका के साथ ही ब्रिटेन और अन्य यूरोपीय देशों की तुलना में इलाज के लिए भारत आने वाले लोगों की संख्या  में इजाफा हो रहा है.

चिकित्सा पर्यटन से हमारी आमदनी में लगातार इजाफा हो रहा है. चिकित्सा पर्यटन के लिहाज से भारत दुनिया के 5 शीर्ष देशों में शुमार है. पीएचडी चैंबर्स मैडिकल्स तथा वैलनैस टूरिज्म की रिपोर्ट के अनुसार, 2012 में दुनिया के विभिन्न देशों से 1 लाख 66 हजार लोग भारत में अपनी बीमारी के इलाज के लिए आए. चिकित्सा क्षेत्र में अच्छे और अत्यधिक कुशल चिकित्सकों, अच्छी सुविधाओं से युक्त अस्पतालों व इलाज पर कम लागत आने की वजह से दुनियाभर के लोग भारत में इलाज के लिए आ रहे हैं. यह रफ्तार तेजी से बढ़ रही है. अनुमान है कि अगले 4 साल यानी 2018 तक चिकित्सा पर्यटन से देश के खजाने में विदेशी नागरिकों से करीब 37 हजार करोड़ रुपए की आमदनी होगी.

सरकार भी इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए उसी तत्परता से काम कर रही है. उस का मकसद आयुर्वेद तथा योग से इलाज की पद्धति को भी लोकप्रिय बनाना है और इस के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्लूएचओ की मदद ली जा रही है. भारत सरकार का आयुष विभाग इस मौके का पूरा लाभ उठाने की फिराक में है और स्वास्थ्य मंत्रालय भी उस की पूरी मदद करने को तैयार है. देखना यह है कि इस प्रकार का लाभ हम कितनी शिद्दत के साथ उठा सकते हैं.

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