वर्ष 2013 भारत के लिए आर्थिक परिदृश्य के हिसाब से उपयुक्त नहीं है. इस साल देश की अर्थव्यवस्था को संतुलित बनाए रखने का जोखिम है. भारत 2013 में दुनिया की 10 सब से जोखिम वाली अर्थव्यवस्था वाले देशों में 9वें स्थान पर है. आर्थिक मामलों पर नजर रखने वाले वैश्विक यूरेशिया समूह के एक अध्ययन में यह खुलासा हुआ है.

अध्ययन में कहा गया है कि भारत में अगले वर्ष आम चुनाव है और उस से पहले कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं जिन्हें देखते हुए सरकार अवसरवादी निर्णय ले सकती है और यदि ऐसा हुआ तो यह निर्णय अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए जोखिम भरा हो सकता है. क्षेत्रीय दल भी अपने यहां कठोर कदम नहीं उठाएंगे. ऐसे में कमजोर आर्थिक नीतियां प्रभावी होंगी जो अर्थव्यवस्था के लिए जोखिम भरी हो सकती हैं.

इस क्रम में चीन दूसरे स्थान पर है. उस के बारे में कहा गया है कि वह सूचना के प्रवाह के विरुद्ध संघर्ष कर रहा है. इस क्रम में जापान, इसराईल और इंगलैंड 5वें स्थान पर हैं जबकि ईरान 8वें स्थान पर है. ईरान का परमाणु कार्यक्रम उस के लिए जोखिम भरा बताया गया है.

भारत के बाद और सब से कम जोखिम वाले इन देशों की सूची में दक्षिण अफ्रीका आखिरी स्थान पर है. सूची में उत्तरी अमेरिका तथा लैटिन देशों का जिक्र नहीं किया गया है. अध्ययन में तो उन्हें शामिल ही नहीं किया गया. उन की अर्थव्यवस्था जोखिम के दायरे में नहीं है.

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