बाजार में हजारों म्युचुअल फंड की स्‍कीम्स चल रही हैं और सभी की सभी दावा करती हैं कि वो सबसे अलग हैं. यही कारण होता है कि आप, एक निवेशक की तरह बिना सोचे समझे म्युचुअल फंड का चयन कर लेते हैं, जो कि आगे चलकर आपके लिए समस्‍या बन जाता है.

आज हम आपकी इस समस्‍या का हल लेकर आए हैं. आप सिर्फ कुछ नियमों का पालन करके अच्‍छे म्युचुअल फंड्स का चुनाव कर, उनमें निवेश कर सकते हैं. म्युचुअल फंड्स के चयन में इन चार बातों को ध्‍यान में रखना बेहद जरुरी होता है –

1. परफॉर्मेंस : आप सेब और संतरे की तुलना नहीं कर सकते, दोनों ही फल हैं. ठीक इसी प्रकार दो म्युचुअल फंड्स की तुलना करना आसान नहीं होता है. आप कभी भी इक्विटी फंड की तुलना डेब्‍ट फंड से या इनकम फंड की ग्रोथ फंड से नहीं कर सकते हैं. लिहाजा किसी भी म्युचुअल फंड की तुलना करने से पहले उनके प्रारूप को ध्‍यान से देख लें.

समान प्रारूप वाले फंड्स की ही तुलना की जा सकती है. अलग-अलग कंपनियों के समान प्रारूप के म्युचुअल फंड्स की तुलना करते वक्‍त बाजार में उनकी परफॉर्मेंस देखें. जो बाजार में अच्‍छा चल रहा हो, उसी का चुनाव करें. लेकिन, हां यहां भी आंख मूंद कर फैसला न करें. इसके रिस्‍क फैक्‍टर्स को भी ध्‍यान से पढ़ लें.

2. रिस्‍क : लोगों के बीच यह धारणा है कि म्युचुअल फंड एक ऐसा निवेश होता है, जिसमें जितना रिस्‍क लेंगे उतना ज्‍यादा रिटर्न या धन आपको मिलेगा. यह धारणा बिलकुल गलत है. कोई भी म्युचुअल फंड इस पद्धति पर काम नहीं करता है. बेहतर होगा यदि आप कम रिस्‍क वाले ही म्युचुअल फंड लें, ताकि धीरे-धीरे अच्‍छी मात्रा में रिटर्न मिल सके.

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