शेयर बाजार में इस बार धूम मची रही. निवेशकों के भारी उत्साह के बल पर बौंबे स्टौक ऐक्सचेंज यानी बीएसई का सूचकांक नए स्तर की तरफ उछाल मारता रहा.

15 अप्रैल से शुरू हुए सप्ताह के दौरान सूचकांक करीब 1100 अंक चढ़ गया. मंगलवार को सूचकांक 387 अंक उठा जो 7 माह में 1 दिन की सर्वाधिक तेजी रही. अगले ही दिन बाजार में 285 अंक की तेजी आई और सूचकांक 19 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर गया. इस से पहले सप्ताह के दौरान बाजार में मायूसी का माहौल था और शुक्रवार को तो बाजार 300 अंक लुढ़क गया था जो फरवरी के बाद 1 दिन की सर्वाधिक गिरावट रही.

अचानक बाजार में आई तेजी की वजह कंपनियों के तिमाही परिणामों के सकारात्मक रहने के अलावा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार की नीतियों और इस दिशा में उठाए जा रहे कदमों को बताया जा रहा है लेकिन असली वजह महंगाई के आंकड़े में गिरावट रहने और बैंक ब्याज दरों में कटौती किए जाने की उम्मीद रही है.

विश्लेषक कहते हैं कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में आई गिरावट ने भी बाजार को सहारा दिया है. सोने की कीमत में लगातार गिरावट का रुख बना हुआ है और निवेशक सोने के बजाय शेयर बाजार की तरफ बढ़ रहे हैं, इसलिए बाजार में तेजी है. कारोबारियों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में बाजार में स्थिरता या तेजी का रुख जारी रहेगा. बाजार का रुख बहुतकुछ बजट सत्र में संसद के चलने पर भी निर्भर करेगा.

 

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