सरकार ने स्टार्टअप्स के लिए 10,000 करोड़ रुपये के फंड को मंजूरी दी है. इस फंड का इस्तेमाल स्टार्टअप्स को सपोर्ट करने में किया जाएगा, जिसका मकसद 18 लाख लोगों के लिए रोजगार पैदा कराना है. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस फंड के पूर्ण इस्तेमाल के जरिये करीब 18 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध हो सकेगा. 10,000 करोड़ रुपये के एक फंड से 60,000 करोड़ रुपये का इक्विटी निवेश और इससे दोगुना डेट इनवेस्टमेंट हासिल किया जा सकेगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया. बयान में कहा गया है, 'मंत्रिमंडल ने भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) में स्टार्टअप के लिए फंड तैयार करने की मंजूरी दे दी है. यह फंड ऑल्टरनेटिव इनवेस्टमेंट फंड्स (एआईएफ) में योगदान करेगा, जो सेबी के पास रजिस्टर्ड है. बाद में एआईएफ स्टार्टअप की फाइनैंसिंग करेगा. यह सरकार द्वारा जनवरी में घोषित स्टार्टअप इंडिया एक्शन प्लान के अनुरूप है.

यह फंड 14 और 15वें फाइनेंस कमिशन के साइकल के दौरान बनाया जाएगा, जो योजना की प्रगति और फंड की उपलब्धता पर निर्भर करेगा. 2015-16 में एफएफएस के फंड के लिए पहले ही 500 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए जा चुके हैं, जबकि 600 करोड़ रुपये 2016-17 में उपलब्ध कराए जाएंगे. बयान में कहा गया है कि डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी एंड प्रमोशन (डीआईपीपी) द्वारा सकल बजटीय समर्थन के जरिए ग्रांट का भी प्रावधान किया है. डीआईपीपी स्टार्टअप इंडिया कार्रवाई योजना के तहत परफॉर्मेंस की निगरानी और समीक्षा करेगा.

इसमें आगे कहा गया है कि रोज-ब-रोज के ऑपरेशनल मैनेजमेंट के लिए सिडबी की विशेषज्ञता का इस्तेमाल किया जाएगा. परफॉर्मेंस की निगरानी और अमल को कार्रवाई योजना से जोड़ा जाएगा, जिससे समय पर काम को अंजाम दिया जा सके. स्टार्टअप्स को डोमेस्टिक पूंजी उपलब्ध नहीं होने और परंपरागत बैंक फाइनैंसिंग में अड़चनों का सामना करना पड़ रहा है. इस लिहाज से यह बेहद अहम है.

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