शेयर बाजार ने नए वित्त वर्ष 2015-16 का धमाके के साथ स्वागत किया है. वित्त वर्ष के पहले ही दिन बाजार ने 3 सप्ताह में पहली बार सर्वाधिक साप्ताहिक छलांग लगाने का रिकौर्ड बनाया और बौंबे स्टौक एक्सचेंज का सूचकांक 302.65 अंक उछल गया. सूचकांक की नई छलांग लगाने की पृष्ठभूमि पहले ही दिन बन गई थी जब रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने संकेत दिए कि रिटर्न की स्थिति में बैंक ऋण की दर को कम किया जा सकता है. इसी तरह वित्तमंत्री अरुण जेटली ने भी ब्याज दरों में कटौती के संकेत दिए थे. उसी दौरान विश्व मुद्रा कोष यानी आईएमएफ ने कहा कि 2015-16 में भारत में विकास दर 7.25 प्रतिशत तक पहुंच सकती है. रिजर्व बैंक ने बैंकों की बैलेंस शीट में सुधार के वास्ते बैड लोन यानी बाजार में फंसे ऋण की वसूली के लिए ऋण नियमावली में ढील देने की बात की. समाप्त हुए वित्त वर्ष के आखिरी दिन रिपोर्ट आई कि बाजार ने 2014-15 में 5 साल का रिकौर्ड तोड़ा है. इस अवधि में बाजार ने 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है. इन सब का शेयर बाजार पर सकारात्मक असर रहा जिस के कारण समाप्त वित्त वर्ष के आखिरी सत्र से पहले बाजार 517 अंक की उछाल लगा कर 2 माह के शीर्ष स्तर पर पहुंचा. हालांकि उस से पहले के कारोबारी सप्ताह के आखिरी दिन सूचकांक वैश्विक स्तर पर नकारात्मक माहौल की वजह से 654 अंक टूट कर 10 सप्ताह के निचले स्तर पर पहुंच गया था.

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