खराब मानसून की आशंका से बाजार लुढ़का

चालू वर्ष में मानसूनी बारिश के कम रहने की आशंका से भारतीय शेयर बाजार सहम गया. जून के पहले सप्ताह के दूसरे दिन सूचकांक में जबरदस्त गिरावट आई. उसी दिन भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रीपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती करने की घोषणा के बाद इस में गिरावट गहरा गई. सेंसेक्स 600 अंकों से ज्यादा लुढ़क गया. नैशनल स्टौक एक्सचेंज यानी निफ्टी में भी गिरावट आई और यह करीब 200 अंक लुढ़क कर 8,240 पर आ गया. मुद्रा नीति की घोषणा करते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने भी खराब मानसून के कारण आने वाले दिनों में महंगाई बढ़ने की आशंका जताई. राजन ने 2016 से अनुमानित महंगाई दर 5.8 फीसदी से बढ़ा कर 6 फीसदी कर दी. इस के पहले मई के प्रथम सप्ताह में सूचकांक 26 हजार के नजदीक पहुंचने के बाद माह के पहले पखवाड़े के दौरान 27 हजार के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर गया था. लगभग हर दिन बाजार में बड़ा उतारचढ़ाव का माहौल रहा. लेकिन हर सप्ताह सूचकांक तेजी पर ही बंद होता रहा.  संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण के अंतिम दिनों में वित्तमंत्री के न्यूनतम वैकल्पिक कर-मैट विवाद की धार को कुंद करने के लिए उपाय करने की घोषणा से बाजार की सुस्ती को विराम लगा और कई दिनों की उदासी के बाद 8 मई को सूचकांक ने ऊंची छलांग लगाई. मौसम के खराब मिजाज के मद्देनजर सेंसेक्स में सब से ज्यादा पिटाई एसबीआई और एचडीएफसी के शेयरों में हुई है. बैंक, रियल्टी, आटो और कैपिटल गुड्स के शेयरों में खासी गिरावट आई है.

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