थोक मूल्य सूचकांक के लगातार 9वें माह गिरावट पर रहने, मुद्रास्फीति तथा रुपए के 2 साल के निचले स्तर पर पहुंचने, तेल की दरों में गिरावट के रुख के यथावत बने रहने और रिजर्व बैंक के ब्याज दरों में कटौती नहीं करने के फैसले जैसे कई घटनाक्रमों के बीच बौंबे स्टौक एक्सचेंज में निवेशकों की मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिली. स्वतंत्रता दिवस समारोह से एक दिन पहले परिस्थितियों के अनुकूल रहने तथा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद से सूचकांक 517 अंक छलांग लगा गया. इसी बीच, देश की विकास दर 2015 में 7 फीसदी रहने की वैश्विक संस्था मूडीज के आकलन के कारण बाजार का रुख बदला. बाजार पर उस का नकारात्मक असर पड़ा और सूचकांक अगले 2 दिन तक गिरावट पर रहा लेकिन अगले ही सत्र में कुछ अनुकूल माहौल के कारण बाजार में सुधार का रुख देखने को मिला.

उसी बीच, चीन की अर्थव्यवस्था में गिरावट संबंधी खबरों का बाजार पर जबरदस्त नकारात्मक असर पड़ा और सूचकांक एक दिन में 3 सप्ताह में सर्वाधिक गिरावट पर बंद हुआ. अमेरिका में ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने की आशंका से बाजार में नकारात्मक रुख देखने को मिला. अमेरिकी फैडरल द्वारा ब्याज दरें बढ़ाने की खबर से बाजार में बिकवाली का माहौल रहा और सूचकांक में बड़ी गिरावट दर्ज की गई. इधर, बाजार का माहौल सुधारने के लिए रिजर्व बैंक पर ब्याज दरों में कटौती करने के लिए दबाव बनाने के लिए लौबिंग किए जाने की भी खबर है जिसे देखते हुए जल्द ही बाजार में स्थिरता का माहौल बन सकेगा. हालांकि ब्याज दरों में भारी बढ़ोतरी तथा रुपए में जबरदस्त गिरावट के कारण बाजार में उथलपुथल की स्थिति कुछ समय तक बरकरार रह सकती है.

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