बाजार में कारोबार की प्रतिस्पर्धा में लगातार आगे बढ़ने के लिए उत्पाद की गुणवत्ता और विपणन नीति पर ध्यान देने के साथ ही कंपनियों ने कर्मचारियों की फिटनैस पर भी ध्यान देना शुरू कर दिया है. इस क्रम में कंपनियों का सब से ज्यादा ध्यान कर्मचारियों का मोटापा कम करने पर है. कंपनियों का मानना है कि उस की टीम शारीरिक रूप से स्वस्थ और फिट नहीं होगी तो उस से उस का कारोबार प्रभावित होगा और कंपनी बाजार की प्रतिस्पर्धा में पिछड़ सकती है. इसी के मद्देनजर एडिडास इंडिया, एचडीएफसी, युनाइटेड ब्रेवरीज, मैरिको इंडस्ट्रीज, गोदरेज, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा, टाटा, वेदांता, आदित्य बिड़ला समूह जैसे कई प्रमुख घरानों ने अपने कर्मचारियों को फिट रहने की हिदायतें जारी की हैं. इस के लिए कार्यालय में ही जिम खोले गए हैं और स्वस्थ रहने के तरीके से जुड़े अन्य साधन उपलब्ध कराए गए हैं. कई कंपनियां योग भी करा रही हैं.

कंपनियों की इस धारणा के नतीजे में बाजार में इस तरह की सेवा देने वाली नईनई कंपनियां खड़ी हो गई हैं. कंपनियों का सब से ज्यादा ध्यान कर्मचारियों का वजन कम करने पर है. वजन काम के दबाव, शारीरिक गतिविधियां नहीं होने, उलटेसीधे खानपान से बढ़ता है. कर्मचारी को संतुलित आहार मिले और दबाव में काम नहीं करना पड़े, इस के लिए कंपनी में स्वस्थ माहौल तैयार किया जा रहा है. वजन नहीं बढ़े, इस पर रोक के लिए स्टेपथलोन लाइफस्टाइल जैसी कंपनियां बाजार में उतरी हैं जिन का कहना है कि वजन कम करने के लिए कम से कम 10 हजार कदम चलना जरूरी है. उस की इस युक्ति को सैकड़ों कंपनियां अपना रही हैं और उस के लिए इस की सेवाएं ली जा रही हैं. कंपनी ने अपने ग्राहकों के कार्यालयों में आधुनिक मशीनें लगा दी हैं जिन के सहारे कर्मचारी नियमित नियमों का पालन करते हुए वजन घटाने के लिए पसीना बहा रहे हैं.

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